नजरिया. देश की बिगड़ती मालीहालत के बीच अगस्त महीने में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों से करीब 15 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए है! खबर है कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में कार्यरत लोगों की संख्या 399.38 मिलियन से घटकर अगस्त में 397.78 मिलियन पर पहुंच गई?
वैसे इस मामले में राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को हरियाणा की बीजेपी सरकार का आभारी होना चाहिए कि उसके कारण राजस्थान इस मुद्दे पर गोल्ड मेडल लेते-लेते रह गया!
राजस्थान के प्रमुख पत्रकार गिरिराज अग्रवाल ने दैनिक भास्कर की खबर शेयर करते हुए लिखा- सरकारों का फोकस सिर्फ टैक्स कलेक्शन पर है, युवाओं को रोजगार देने पर नहीं है. नरेंद्र मोदी, अशोक गहलोत जी यह स्थिति चिंताजनक है. बेरोजगार युवा अपराध की ओर बढ़ता है. स्कूलों में वोकेशनल एजुकेशन अनिवार्य हो!
खबरों पर भरोसा करें तो इस महीने में केवल ग्रामीण भारत के इलाकों में लगभग 13 लाख लोगों की नौकरियां चली गई.
सीएमआईई के हवाले से खबरों में बताया गया है कि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.95 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई में 8.32 प्रतिशत पर पहुंच गया. आंकड़ों को देखें तो जुलाई में यह 8.3 प्रतिशत, जून में 10.07 प्रतिशत, मई में 14.73 प्रतिशत और अप्रैल में 9.78 प्रतिशत पर थी. मार्च के महीने में भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने से ठीक पहले, शहरी बेरोजगारी दर करीब 7.27 प्रतिशत थी.
इस रिपोर्ट से यह भी नजर आता है कि जुलाई में जहां करीब 30 मिलियन लोग काम की तलाश में थे तो वहीं अगस्त में 36 मिलियन लोग सक्रिय रूप से काम तलाश रहे थे.
सियासी सयानों का मानना है कि यदि रोजगार को लेकर सरकारों की लापरवाही ऐसी ही चलती रही और महंगाई ऐसे ही बढ़ती रही, तो 2022 आते-आते आय दोगुना नहीं होगी, बल्कि खर्चा दोगुना हो जाएगा!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा अलॉट, बीजेपी ने हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए रूम की मांग की
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