यह घटना ब्रिटेन के लंदन की है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक रियेल एस्टेट कंपनी में एलिस सेल्स मैनेजर काम करती थीं. एलिस ने अपनी छोटी बच्ची के लिए कंपनी से मांग की कि वे सप्ताह में चार दिन एक घंटे कम काम करेंगी. उन्होंने इसके लिए कंपनी से इजाजत मांगी. आश्चर्य की बात है कि कंपनी ने उनकी इस बात को खारिज कर दिया और एक घंटे की छुट्टी देने से मना कर दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, एलिस ने सबसे पहले तो कंपनी से इस्तीफा दिया और फिर इसके बाद वो सीधा कोर्ट पहुंच गईं. लंदन स्थित एक स्थानीय एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में उन्होंने अपना तर्क रखते हुए बताया कि ऐसा मामला है. उन्होंने अपना पूरा पक्ष कंपनी के सामने रखा. हालांकि जब यह बात कंपनी को पता चली तो कंपनी ने भी अपना प्रतिनिधित्व कोर्ट में भेज दिया और उसने कंपनी की बात वहां रखी. ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बात सुनी गई.
फैसले में ट्रिब्यूनल के जज ने एलिस के हक में फैसला सुनाया. जज ने कहा कि यह पाया गया है कि कंपनी काम में फ्लेक्सिबिलिटी देने के मामले में विफल रही, जिसके चलते ऐलिस को काफी नुकसान हुआ. जज ने सैलरी के नुकसान के साथ-साथ भावनाओं को चोट पहुंचाने और जेंडर भेदभाव के लिए ऐलिस को करीब दो करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया.
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि एलिस ने अक्टूबर 2016 में शुरू की गई इस जॉब से सालाना 1 करोड़ 21 लाख कमाए. लेकिन 2018 में जब वो गर्भवती हुई तभी कंपनी से उनके रिश्ते बिगड़ गए और कंपनी ने उनकी तरफ ध्यान देना कम कर दिया था. इतना ही नहीं एलिस को अपनी बच्ची को कुछ दिन के लिए चाइल्डकेयर सेंटर में भी छोड़ना पड़ा था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ग्रेट ब्रिटेन के खाते में गया ब्रॉन्ज मेडल, दिल जीता भारतीय बेटियों ने
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