पितृ पर्व, सितंबर माह और आपकी प्रगति

पितृ पर्व, सितंबर माह और आपकी प्रगति

प्रेषित समय :21:23:48 PM / Mon, Sep 13th, 2021

हर व्यक्ति अपने जीवन को अच्छे तरह से खाते पीते लेन देन करते हुए गुजारना चाहता है, जो भी इस जीवन मे आया है उसका व्यापार यदि अच्छे से चलने लगे उसका आय व्यय जरूरत के हिसाब से खर्च और आमदनी होती रहे, सभी रिश्तेदारी भी निभती रहे तो जीवन आसान हो जाता है, जो लेना यही से लेना है जो देना है यही देना है, यह लेन देन है यही जीवन है, हम अपने रक्त संबंधों को ही निभाते है,जो हमारी रक्त परंपरा होगी वही हमको निभाना होगा, हमारे बाप दादाओं की छोड़ी गई हर चीज नाम, बदनाम, धन, ऋण, रोग, दरिद्रता और उन्नति ये सब हमें अपने पितरों से ही मिलनी है, मिलती है और हम उसे आगे अपने कुल या वंश के लिए छोड़ जाते है.

*पितृ पर्व, सितंबर माह पितरों का ऋण*-जब सितंबर माह आता है, तब भगवान सूर्य जो आपकी आत्मा और पितरों के कारक है वो कन्या राशि मे जाते है तब पितृ पर्व प्रारंभ हो जाता है,इस समय सनातन धर्म के सभी लोग अपने पितरों की तिथि के हिसाब से अपने पितरों का तर्पण करते है,ये पुरा माह अपने पूर्वजो की स्मृति के लिए होता है,उनके प्रति आपकी श्रद्धा का पर्व होता है,इसलिए इसे श्राद्ध पर्व कहते है.

*कन्या राशि और आपका ऋण*-कन्या राशि से आपके ऋण के विषय मे देखा जाता है, आप अपने साथ क्या धन और क्या ऋण लेकर आये है ये भी कन्या राशि से ही देखा जाता है, पितृ ऋण के प्रमुख कारक ग्रह राहु और बुध होते है, बहन बेटी और बुआ के हम ऋणी होते है जब हम इनको कुछ देते है तो उपर वाले का लेन देन कटता है,बुध और राहु ग्रह से मातृ शक्ति देवी शक्ति और व्यापारिक शक्ति भी देखी जाती है, जिन व्यापारियों पर बहन बेटी और बुआ का आशीर्वाद होता है, या जो व्यापारी माता या देवी शक्ति का भक्त होता है उसके व्यापार मे कभी कमी नही आती.

*पितृ पर्व का लाभ कैसे उठाये*-पितृ पर्व के पूरे पखवाड़े को गंभीरता से बिताए, कहते है पूरे मास सभी पितृ धरती पर रहते है, वो अपने परिवार को देखते रहते है, इसलिए सभी गए हुए लोगों के प्रति श्रद्धा रखे, पूरे महीने खाने का तीन हिस्सा कुत्ता,कौआ और गाय को खाना दे, यदि कोई सन्यासी या भिखारी आपके यहाॅ भिक्षा मांगने आता है तो आप किस्मत वाले है, उसे प्रेम से भोजन कराये, पूरे माह किसी को भी खाना देने से मना न करे, अपनी बहन, बेटी और भांजे भांजी को यथाशक्ति बुलाकर भोजन कराये, अपने पितरों से प्रार्थना करे की वो आप की भूलों को माफ करे तथा कुल, वंश पर कृपा करे, ऐसा करने से निश्चित रूप से आपके परिवार मे प्रगति और उन्नति होगी.

*पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु 
ज्योतिर्विद्, वास्तु सलाहकार, रत्न विशेषज्ञ, औरा रीडर
9893280184,7000460931

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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