जालंधर. कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के 24 घंटे बाद कांग्रेस ने आखिर पंजाब के नए ष्टरू का नाम तय कर लिया है. कुछ देर में इसका ऐलान होने वाला है. सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस में सुखजिंदर सिंह रंधावा (सुक्खी) के नाम पर सहमति बन गई है और हाईकमान को नाम भेज दिया गया है. खबर ये भी है कि रंधावा ने राज्यपाल से मिलने का समय मांग लिया है वे घर से निकल चुके हैं. माना जा रहा है कि वे राजभवन जा रहे हैं और आज ही शपथ ग्रहण भी हो सकता है, क्योंकि कल से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहा है.
बता दें सुखजिंदर सिंह रंधावा माझा इलाके के बड़े नेता हैं. वे डेरा बाबा नानक सीट से मौजूदा विधायक हैं और कैप्टन की कैबिनेट में मंत्री थे. वे तीन बार के विधायक हैं, उन्होंने 2002, 2007 और 2017 में चुनाव जीता था.
उधर राहुल गांधी के घर भी मीटिंग चल रही है, जिसमें अंबिका सोनी भी मौजूद हैं. माना जा रहा है कि ये मीटिंग खत्म होने के बाद पंजाब के नए ष्टरू का ऐलान कर दिया जाएगा. दरअसल अंबिका सोनी का नाम भी ष्टरू पद की प्रमुख दावेदार के तौर पर सामने आया था, लेकिन उन्होंने खुद ही ऑफर ठुकरा दिया. साथ ही सलाह दी थी कि पंजाब में सीएम का चेहरा कोई सिख ही होना चाहिए, नहीं तो पंजाब में कांग्रेस बिखर सकती है.
विधायक भी बोले- पंजाब सिख स्टेट, सीएम भी सिख होना चाहिए
मौजूदा हालात को देखते हुए कांग्रेस के ऑब्जर्वर अजय माकन, हरीश चौधरी और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत नए सिरे से विधायकों का फीडबैक ले रहे थे. उनसे पूछा जा रहा था कि वे किसे मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं? इसी बीच कांग्रेस विधायक परमिंदर पिंकी ने कहा कि पंजाब सिख स्टेट है, इसलिए यहां किसी सिख चेहरे को ही सीएम बनाया जाना चाहिए. इस पूरे घटनाक्रम के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर विधायक जुटने शुरू हो गए थे. अब कांग्रेस के कई बड़े नेता भी उनके घर पहुंचने लगे हैं.
दो डिप्टी सीएम बनाने का फैसला
पंजाब में नए मुख्यमंत्री का नाम तय करने के साथ ही दो डिप्टी ष्टरू बनाने का फैसला भी लिया गया है. बताया जा रहा है कि अरुणा चौधरी और भारत भूषण आशु के नाम डिप्टी सीएम के लिए तय किए गए हैं. हिंदू नेता भारत भूषण आशु लुधियाना वेस्ट से 2012 और 2017 में विधायक चुने गए थे. वे कैप्टन सरकार में फूड, सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर भी रहे हैं. इससे पहले वे नगर निगम में पार्षद थे. आशु को फिलहाल पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ का करीबी माना जाता है. इससे पहले वे प्रताप सिंह बाजवा के ग्रुप में थे. कैप्टन से उनकी ज्यादा नहीं बनी, लेकिन हाईकमान के दबाव से वो दूसरी बार विधायक बनते ही मंत्री बनने में कामयाब रहे थे.
अरुणा चौधरी गुरदासपुर के दीनानगर से विधायक और दलित नेता हैं. वे कैप्टन सरकार में सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री रही हैं. वे 2002, 2012 और फिर 2017 में दीनानगर से ही विधायक चुनी गई थीं. वे अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की विधायक हैं. उनके ससुर जय मुनी चौधरी दीनानगर के लगातार 25 साल तक विधायक रहे थे.
दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर इसलिए किया विचार
पंजाब में दो डिप्टी सीएम बनाने के फॉर्मूले का विचार इसलिए आया कि अगर किसी हिंदू चेहरे को ष्टरू बनाया जाता है तो फिर एक जट सिख और एक दलित को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. अगर सिख को सीएम बनाया जाता है तो फिर एक हिंदू और एक दलित नेता को डिप्टी ष्टरू बनाया जा सकता है. इस फॉर्मूले के जरिए कांग्रेस विरोधियों और खासकर अकाली दल के एक हिंदू और एक दलित को डिप्टी सीएम बनाने के चुनावी वादे का भी तोड़ निकाल सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिया इस्तीफा, बोले- पार्टी में मेरा अपमान हुआ है
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