लखनऊ. आज यानी 19 सितंबर को प्रदेश की योगी सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो गए. इस मौके पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे. चुनाव से पहले सरकार जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड भी पेश करेगी. इसके लिए योगी सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने पर एक बुकलेट भी छपवाई गई है. बुकलेट में विकास की ढेर सारी बातें है, लेकिन उन सब पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की भगवान श्रीराम के साथ के साथ छपी तस्वीर है. बीजेपी विकास के नारे तो लगा रही है लेकिन सहारा राम का ही है.
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक इससे बुल्कुल इनकार करते हैं. उनका कहना है कि राम उनके लिए कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं रहे. बीजेपी आस्था का सम्मान करती है. यही कारण है कि योगी सरकार अयोध्या में दिवाली मनाती है, तो मथुरा में कृष्ण जन्मोत्सव मनाती है. बरसाने में होली मनाती है वहीं काशी में देव दीपावली मनाती है. आस्था से जुड़े हुए हर आयोजन को विस्तार देती है.
जबकि वरिष्ठ पत्रकार अनिल भारद्वाज कहते हैं कि बीजेपी आस्था के सम्मान के बहाने ये कहने में कहीं पीछे नहीं है कि मंदिर निर्माण हमने करवाया है, जबकि अन्य दल अब इस बात की सफाई दे रहे हैं कि हम राम विरोधी नहीं हैं, जिससे लोग उनसे नाराज न हों. वे कहते हैं कि हाल ही में कल्याण सिंह के निधन के बाद राम मंदिर जाने वाले एक मुख्य मार्ग का नाम कल्याण सिंह के नाम पर रख कर बीजेपी ने इस बात से एक बार फिर खुद को जोड़ा है.
संदेश देने में सफल है बीजेपी
एक समय था कि बीजेपी को रोकने के लिए एक नारा दिया गया था ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ लेकिन अब वक्त बदल चुका है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम, शिवसेना और छोटे दलों के नेताओं ने भी रामलला के दर्शन कर मैसेज देने की कोशिश की है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूपी की सियासत में बुकलेट में छपी पहली फोटो का क्या संदेश है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-लखनऊ में बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड, पिछले 24 घंटों में देश में सबसे ज्यादा बरसात हुई
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