नई दिल्ली/गांधीनगर. अफगानिस्तान में तालिबान के शासन ने पाकिस्तान की शह पर अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से बीते सप्ताह 21 हजार करोड़ की ड्रग्स जब्त की है. दो कंटेनर में मौजूद ये ड्रग्स कंधार से भेजी गई थी. इन दो कंटेनरों की जब्ती गोपनीय सूचना के आधार पर की गई है.
दिलचस्प रूप से जब यह ड्रग्स पकड़ी गई तो शुरुआती आंकलन 3500 करोड़ रुपए का किया गया था लेकिन एक हफ्ते की जांच के बाद पता चला कि ये 21 हजार करोड़ कीमत की है. मिली जानकारी के मुताबिक इस ड्रग्स से मिली कीमत का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता था. पूर्ववर्ती अशरफ गनी सरकार ने ऐसी गतिविधियों पर बिल्कुल रोक लगा दी थी लेकिन अब तालिबान शासन आने के बाद ये फिर शुरू हो गई हैं.
दिल्ली-एनसीआर इलाके में रह रहे अफगानी नागरिकों से पूछताछ की जा रही
केंद्रीय लैब में जांच के बाद सामने आया है कि ये ड्रग्स बेहद हाई क्वालिटी की है. इस संदर्भ में दिल्ली-एनसीआर इलाके में रह रहे अफगानी नागरिकों से पूछताछ की जा रही है. शीर्ष सूत्रों का कहना है कि इन लोगों का आईएसआई के साथ अप्रत्यक्ष संबंध है. लेकिन ज्यादा बातें पूरी पूछताछ के बाद ही निकलकर सामने आएंगी.
ड्रग्स के जरिए आईएसआई की मदद
एक सूत्र का कहना है-जब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने तालिबान को छोड़ दिया तो उनके पास फंड का ये एकमात्र जरिया है. इसके जरिए वो आईएसआई की मदद कर सकते हैं. अभी ड्रग्स की पूरी कीमत तो नहीं बताई जा सकती है लेकिन लगभग तीन सौ किलो ड्रग्स है जिसकी कीमत 21 हजार करोड़ हो सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भ्रष्टाचार के आरोप में बीजेपी दिल्ली ने तीन पार्षदों को किया 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित
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