भोपाल. मध्य प्रदेश में विगत दिनों अवैध शराब निर्माण में औद्योगिक और अन्य प्रयोजनों में इस्तेमाल होने वाले मेथानोल तथा अन्य विषैले रसायन आदि के उपयोग से शराब विषैली हो जाने से जनहानि हुई थीं. प्रदेश के मुरैना, उज्जैन और मंदसौर में जहरीली शराब में मेथानोल की मात्रा पायी गयी थी.
इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के तारतम्य में राज्य शासन द्वारा अनेक ठोस कदम उठाए गए हैं. गृह विभाग द्वारा विष अधिनियम 1919 (केंद्रीय कानून) तथा उसके तहत मप्र सरकार द्वारा अधिसूचित विष नियम 2014 का सख्ती से पालन कराने के निर्देश प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर्स और एसपी को जारी किए गए हैं.
नियमों में अधिसूचित समस्त प्रकार के विष पदार्थों के विक्रय के लिए जिला कलेक्टर से अनुज्ञप्ति प्राप्त किया जाना अनिवार्य है. अनुज्ञप्ति में विक्रय स्थल, विषैले पदार्थ के स्टोर की अधिकतम मात्रा, सुरक्षा उपाय, किनको विक्रय किया जा सकेगा, विषैले पदार्थ को स्टोर करने की विधि, स्टॉक पंजी एवं विक्रय पंजी के संधारण की अनिवार्यता, विष को लेवल करने तथा परिवहन के समय किए जाने वाले उपाय उल्लेखित होंगे.
साथ ही अनुज्ञप्ति शर्तों का पालन करना वैधानिक रूप से अनिवार्य है. जिला कलेक्टर ऐसे परिसरों की जाँच के लिए सर्च वॉरंट जारी कर सकेंगे. एएसआई या नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी स्टॉक चेक कर सकेंगे और विक्रय पंजी चेक कर सकेंगे. विष अधिनियम या विष नियम के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर 1 वर्ष की सजा का प्रावधान है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्य प्रदेश से राज्यसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी एल मुरुगन ने भरा नामांकन
Leave a Reply