बीजिंग. चीन ने लगातार दूसरे दिन शनिवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताइवान की ओर 39 लड़ाकू विमान भेजे. यह चीन का दो दिन में दूसरा बड़ा शक्ति प्रदर्शन है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि ताइवान के हवाई रक्षा क्षेत्र में सुबह और रात में दो बार में 39 विमानों ने प्रवेश किया. चीन ने इसी प्रकार शुक्रवार को भी स्व शासित द्वीप के दक्षिणी इलाके में 38 विमान भेजे थे. चीन ताइवान पर अपना दावा करता है.
गृह युद्ध के बाद 1949 में हुए विभाजन के बाद ‘कम्युनिस्ट’ समर्थकों ने चीन पर कब्जा कर लिया था और उसके प्रतिद्वंद्वी ‘नेशनलिस्ट’ समर्थकों ने ताइवान में सरकार बनाई थी. कम्युनिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को अपने शासन की 72वीं वर्षगांठ मनाई. ताइवान के प्रधानमंत्री सु त्सेंग-चांग ने चीन द्वारा पहले दिन भेजे गए उड़ानों को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने दक्षिणी ताइवान में एक विज्ञान पार्क के उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए कहा, चीन ने हमेशा क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालने के लिए क्रूर और बर्बर कार्रवाई की है.
चीन एक साल से अधिक समय से लगातार ताइवान के दक्षिण क्षेत्र में सैन्य विमान भेज रहा है. ताइवान की सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि ताइवान द्वारा उड़ानों की रिपोर्ट जारी करने के बाद शुक्रवार और शनिवार को 38 और 39 विमान एक दिन में भेजे गए सबसे अधिक विमानों की संख्या है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 20 विमानों ने शनिवार को दिन की उड़ानों में और अन्य 19 ने रात में भाग लिया. इसने उनमें से ज्यादातर की पहचान J-17 और SU-30 फाइटर जेट्स के रूप में की. चीन अपने लड़ाकू विमानों के जरिए ताइवान को डराने का प्रयास करता रहता है. ताइवान की अमेरिका से नजदीकी है, जिस वजह से चीन उस पर भड़का हुआ भी रहता है. इससे पहले, चीन ने शुक्रवार को अपने राष्ट्रीय दिवस के मौके पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताइवान की ओर 25 लड़ाकू विमान भेजे. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के 18 जे-16 लड़ाकू विमान और दो एच-6 बमवर्षक विमानों ने ताइवान की तरफ उड़ान भरी. बयान के मुताबिक, जवाब में ताइवान ने वायु गश्ती दलों को तैनात किया और अपने वायु रक्षा तंत्र के जरिए चीनी विमानों का पता लगाया. पिछले हफ्ते भी पीएलए ने ताइवान की तरफ 24 लड़ाकू विमान भेजे थे. चीनी अधिकारी कई बार कह चुके हैं कि वह ताइवान पर कब्जा करके रहेंगे, फिर चाहे उन्हें इसके लिए ताकत ही क्यों ना दिखानी पड़े
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चीन में अरबपतियों पर सख्ती का असर, सरकार की कार्रवाई से 148 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
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