प्रदीप द्विवेदी. नेताओं की सियासी सच्चाई जब अंधभक्तों के सामने आती है, तभी उन्हें अंधे समर्थन की अपनी गलती का अहसास होता है, लेकिन तब तक जो नुकसान होना होता है, वह हो चुका होता है?
मोदी सरकार के कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलन जारी है और इस बीच लखीमपुर खीरी में हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना भी हो गई, जिसमें 4 किसान और 1 पत्रकार समेत 9 लोगों की मौत हुई है!
लेकिन, इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी बेहद आश्चर्यजनक है? शायद, आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में व्यस्त हैं?
एनडीटीवी इंडिया की खबर- कोई मुआवजा नहीं मिला, न सरकार के मंत्री घर आए, लखीमपुर में मारे गए बीजेपी बूथ अध्यक्ष शुभम के पिता ने जताई नाराजगी.... न केवल बेहद चौंकानेवाली है, बल्कि नेताओं के अंधभक्तों के लिए भी सबसे बड़ा सवालिया निशान है?
यह खबर कहती है कि- लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए शुभम का परिवार भारतीय जनता पार्टी से बेहद नाराज है. बीजेपी बूथ अध्यक्ष शुभम मिश्रा के पिता विजय मिश्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में खुलकर अपनी इस नाराजगी का इजहार किया. उन्होंने कहा, हमें कोई मुआवजा नहीं मिला. सरकार के मंत्री न तो हमारे घर आए और न ही किसी का फोन आया. विजय मिश्रा ने कहा, हम भी किसान हैं, हमने भी नौजवान बेटा खोया है हमारी बात क्यों नहीं दिखाई जा रही है?
घटना के वक्त शुभम सफेद शर्ट में थार गाड़ी में पीछे बैठे हुई थे और वे गाड़ी से निकल नहीं पाए. शुभम को बुरी तरह से पीटा गया जिससे उनकी मौत हो गई. माता-पिता के अलावा शुभम की एक साल की बेटी और पत्नी हैं.
मोदीजी! बीजेपी बूथ अध्यक्ष शुभम मिश्रा भी लखीमपुर खीरी हिंसा का ही शिकार हुआ है, क्या यह आपकी जानकारी में है?
यदि है, तो आप क्या कर रहे हैं? शायद, आपके पास समय नहीं है?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया NCERT की पायरेटेड बुक्स के रैकेट का भंडाफोड़, सरगना गिरफ्तार
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