नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना या घट स्थापना का महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास प्रतिपदा तिथि का आरंभ 06 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है और प्रतिपदा तिथि 07 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी.
शास्त्रों में व्रत एवं त्योहार उदया तिथि में मनाने का विशेष महत्व होता है. ऐसे में 07 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि में सूर्योदय के साथ ही शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होंगे. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है.
शारदीय नवरात्रि 2021 कलश स्थापना मुहूर्त-
शास्त्रों के अनुसार, सूर्योदय के समय से 04 घंटे तक आप शांति कलश स्थापना कर सकते हैं. दिल्ली वासी 07 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक कलश स्थापना कर सकते हैं. इसके अलावा कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामिग्री को पहले से ही एकत्र कर लें. इसके लिए आपको 7 तरह के अनाज, चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन, पवित्र स्थान से लायी गयी मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, लाल सूत्र, मौली, इलाइची, लौंग, कपूर, रोली, अक्षत, लाल वस्त्र और पुष्प की जरूरत पड़ती है.
ऐसे करें शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे
सुबह स्नान करके मां दुर्गा, भगवान गणेश, नवग्रह कुबेरादि की मूर्ति के साथ कलश स्थापना करें.कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें.कलश स्थापना के समय अपने पूजा गृह में पूर्व के कोण की तरफ अथवा घर के आंगन से पूर्वोत्तर भाग में पृथ्वी पर सात प्रकार के अनाज रखें. संभव हो, तो नदी की रेत रखें. फिर जौ भी डालें. इसके उपरांत कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें. फिर 'ॐ भूम्यै नमः' कहते हुए कलश को सात अनाजों सहित रेत के ऊपर स्थापित करें. अब कलश में थोड़ा और जल या गंगाजल डालते हुए 'ॐ वरुणाय नमः' कहें और जल से भर दें. इसके बाद आम का पल्लव कलश के ऊपर रखें.तत्पश्चात् जौ अथवा कच्चा चावल कटोरे में भरकर कलश के ऊपर रखें. अब उसके ऊपर चुन्नी से लिपटा हुआ नारियल रखें.
कलश स्थापना के लाभ-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलश में सभी तीर्थ, देवी-देवताओं का वास होता है. ये मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक होते हैं. घट स्थापना करने से भक्त को पूजा का शुभ मिलता है और घर में सकारात्मक माहौल रहता है. घर में सुख-शांति आती है.
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-तिथियों से जुड़े हुए हैं व्रत त्योहार
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