किसान आंदोलन! इतनी नादान तो नहीं मोदी सरकार, फिर बात क्या है?

किसान आंदोलन! इतनी नादान तो नहीं मोदी सरकार, फिर बात क्या है?

प्रेषित समय :07:08:48 AM / Tue, Oct 19th, 2021

प्रदीप द्विवेदी. किसान आंदोलन को लेकर जो सियासी खतरा मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, बीजेपी सांसद वरुण गांधी आदि महसूस कर रहे हैं, वह मोदी सरकार को पता नहीं हो, ऐसा तो हो नहीं सकता है, फिर क्या वजह है कि मोदी सरकार किसान आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है?

खबर है कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर फिर अपना अलग नजरिया पेश किया है?

खबरों की माने तो उनका कहना था कि- मैं तो किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से लड़ाई भी लड़ चुका हूं, इस मामले में किसानों की सुनवाई होनी ही चाहिए, यदि एमएसपी कानून लागू हो जाएगा तो किसान संतुष्ट हो जाएगा और उसके बाद यह आंदोलन अपने आप खत्म हो जाएगा!

सत्यपाल मलिक का साफ कहना था कि- केंद्र को एमएसपी की गारंटी का कानून बनाना चाहिए. देश के किसानों की हालत बेहद खराब है और केंद्र निश्चित रूप से इस मामले में गलत रास्ते पर है?

बीजेपी सांसद रह चुके सत्यपाल मलिक उत्तर प्रदेश के जमीनी हालात को अच्छी तरह से जानते हैं और इसीलिए किसानों के मुद्दे पर बार-बार मोदी सरकार को आगाह कर रहे हैं!

सत्यपाल मलिक का कहना था कि- केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि किसान दस महीने से अपना घर, परिवार छोड़कर सड़कों पर बैठे हैं, फसल बुवाई का समय है, इतना लंबा समय हो जाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं होने से उनमें गुस्सा है, ऐसे ही हालात रहे तो केंद्र सरकार वापसी नहीं करेगी.

केंद्र सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठा रही? इस प्रेस-प्रश्न पर उनका कहना था कि केंद्र सरकार के इर्द-गिर्द गलत सलाह देने वाले लोग हैं, उनके कारण ही सत्यानाश हो रहा है.

खबरों पर भरोसा करें तो सत्यपाल मलिक का कहना था कि- मैं शुरू से किसानों के साथ खड़ा हूं और जरूरत पड़ने पर पद भी छोड़ सकता हूं. किसानों के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से झगड़ा कर चुका हूं. मैंने उनसे कहा कि यह सब मत करो. उन्होंने कहा कि यदि कोई मुझे आंदोलन में मध्यस्थता के लिए कहे तो उसके लिए तैयार हूं. किसानों ने मुझे मध्यस्थ मान लिया है, लेकिन सरकार भी मध्यस्थता के लिए कहे तब बात बने!

प्रेस से बातचीत में सत्यपाल मलिक का कहना था कि लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा उसी दिन होना चाहिए था, वह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तो मंत्री बनने लायक नहीं है?

उनका तो यह भी कहना था कि- सिख समुदाय हमेशा से देशभक्त रहा है, इस पर किसी प्रकार का लांछन लगाना हमारे इतिहास का अपमान है!

सियासी सयानों का मानना है कि यदि एमएसपी गारंटी कानून बन जाता है, तो नए कृषि कानूनों का भी दम निकल जाएगा!

और.... कृषि कानून रद्द कर दिए जाएं, तो फिर से ऐसे किसी कानून के लिए संख्याबल का जुगाड़ करना संभव नहीं है?

Srinivas BV @srinivasiyc कश्मीर से लेकर किसान आंदोलन तक, गवर्नर सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार की

किसान-विरोधी नियत पर खड़े किए सवाल.. हमारी नहीं, तो कम से कम अपनो की सुन लो!

https://twitter.com/i/status/1449966663625940996

abhishek upadhyay @upadhyayabhii किसानों की मांग नहीं हुई पूरी, तो BJP सरकार की सत्ता में नहीं होगी वापसी, बोले मेघालय गवर्नर सत्यपाल मलिक.

rajeev nigam @apnarajeevnigam वरुण गांधी को नयी जिम्मेदारी मिलनी चाहिए....

https://twitter.com/i/status/1449395931204382722

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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