प्रीति सिंह का क्राइम थ्रिलर फ्लर्टिंग विथ फेट बेस्ट सेलिंग उपन्यास रहा

प्रीति सिंह का क्राइम थ्रिलर फ्लर्टिंग विथ फेट बेस्ट सेलिंग उपन्यास रहा

प्रेषित समय :07:47:42 AM / Thu, Oct 28th, 2021

अंग्रेजी भाषा की भारतीय साहित्यकार एवं उपन्यासकार प्रीति सिंह का सन् 2012 में प्रकाशित इनका पहला उपन्यास #FlirtingwithFate बेस्ट सेलिंग उपन्यास रहा. वे अपनी दूसरी किताब “क्रॉसरोड्स” के साथ एक अवॉर्ड विजेता लेखिका बनी.  प्रीति सिंह 26 अक्टूबर 1971 के दिन अंबाला (हरियाणा) में पैदा हुई थीं.  प्रीति सिंह का एक अन्य उपन्यास क्रॉसरोड्स, भारत का पहला ऐसा उपन्यास है, जिसमें पात्रों के रूप में वास्तविक जीवन के लोगों का समावेश है.  प्रीति सिंह के इस उपन्यास को इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (India Book of World Records) में नाम दर्ज किया जा चुका हैं. 

प्रीति सिंह एक सैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं.  उनके पिता मेजर जनरल श्री कुलवंत सिंह भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं. 

प्रीति सिंह के पहले क्राइम थ्रिलर उपन्यास “फ्लर्टिंग विथ फेट” को राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार (Commonwealth Booker Prize) के लिए नामांकित और बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन 2012 से पुरस्कृत किया गया था.  फ्लर्टिंग विथ फेट 80 के दशक की एक कहानी पर आधारित है जो कि शिमला से शुरू होती है.  यह थ्रिलर उपन्‍यास एक युवा लड़के के बचपन से शुरू होने वाले सफर की कहानी है जो कि युवा होने पर समझता है कि आदमी जो बोता है, वही काटता है. 

अपनी दूसरी पुस्तक क्रॉसरोड्स में प्रीति सिंह ने नारी की मनोस्थिति को एक कहानी के माध्यम से संजोया है.  कहानी में असफल प्रेमिका के भीतर के कश्मकश को दर्शाया गया है जिसमें उसके सामने कई दोराहे आते हैं और वह कब क्या फ़ैसला ले, किसके आसरे जिए, इन्हीं का ताना-बाना है.  क्रॉसरोड्स, करीब करीब हर भारतीय महिला के सफर की एक अनकही कहानी है.  ये कहानी है कविता के सफर की, जो कि घरेलू हिंसा और परेशान किए जाने से मानसिक दबाव में है और एक पत्नी के तौर पर खोई हुई खुशियों और मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए एक अलग रास्ता चुनने का फैसला करती है.  वर्ष 2015 में इनके उपन्यास क्रॉसरोड्स का हिंदी में अनुवाद लेखिका पारुल रस्तोगी द्वारा किया गया. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2020: विभिन्न भाषाओं के 23 युवा साहित्यकार सम्मानित

लखनऊ पुस्तक मेला: जुटेंगे पाठक और साहित्यकार, प्रकाशकों में काफी उत्साह

प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री मंजूर एहतेशाम नहीं रहे

कला-संस्कृति और साहित्य की प्रतिभाओं को मिलेगा मंच!

Leave a Reply