काठमांडू. भारतीय होने की आड़ में बिना पहचान पत्र के अब ‘तीसरे देश’ के नागरिक नेपाल में प्रवेश नहीं कर पाऐंगे. नेपाल सरकार द्वारा दक्षिणी सीमा से अवैध रूप से नेपाल में प्रवेश करने के बाद सरकार ने भारतीय नागरिकों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया है.
नेपाल सरकार के गृह मंत्री बाल कृष्ण खांंड (Bal Krishna Khand of Nepali Congress) ने सीमा प्रबंधन और सीमा अपराध रोकथाम और नियंत्रण पर केंद्रित केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की.
बैठक के दौरान सेना, पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल, राष्ट्रीय जांच विभाग और आव्रजन विभाग के अधिकारियों ने गृह मंत्री को भारतीयों की आड़ में तीसरे देश के नागरिकों की घुसपैठ को नियंत्रित करने के लिए और कदम उठाने का सुझाव दिया.
बैठक के दौरान सेना, पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल, राष्ट्रीय जांच विभाग और आव्रजन विभाग के अधिकारियों ने गृह मंत्री को भारतीयों की आड़ में तीसरे देश के नागरिकों की घुसपैठ को नियंत्रित करने के लिए और कदम उठाने का सुझाव दिया. अगले दिन, शनिवार को, गृह मंत्री ने एक भारतीय नागरिक को नेपाल में प्रवेश करने पर एक पहचान पत्र ले जाने के प्रावधान के संबंध में एक निर्णय पर हस्ताक्षर किया.
सुरक्षा समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से पहले, गृह मंत्री ने कहा कि हवाई और भूमि चौकियों से सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं. गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सुरक्षा समिति के फैसले को लागू करने के लिए रविवार को चारों सुरक्षा एजेंसियों और जिला प्रशासन कार्यालयों को सर्कुलर जारी किया गया.
मंत्रालय के मुताबिक, सीमा पर सीसीटीवी और अन्य तकनीक से निगरानी बढ़ाने, भारत से प्रवेश करने वालों के पहचान पत्र की जांच करने और मौखिक पूछताछ करने और छोटी चौकियों और अन्य जगहों पर सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया है. इस संबंध में इंस्पेक्टर बेलहिया नवीन पौडेल ने बताया कि नेपाल प्रवेश के दौरान पहचान पत्र अनिवार्य है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नेपाल को 3-0 से हराकर भारत 8वीं बार बना सैफ चैंपियन, सुनील छेत्री ने किया कमाल का प्रदर्शन
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