उत्तरकाशी. उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में अब गिनती के दिन बचे हैं इसलिए यात्रियों का उत्साह चरम पर है, लेकिन यहां मौसम के करवट लेने के बाद बढ़ी ठंड से तीर्थ यात्रियों के लिए खासी मुश्किलें भी खड़ी हो रही हैं. पहाड़ों में सोमवार को मौसम फिर बदला और पिछले हफ्ते के बाद बद्रीनाथ में मौसम की दूसरी अच्छी बर्फबारी दर्ज की गई. ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई. पहाड़ों में लगभग 1 से 2 घंटे तक बर्फबारी देखने को मिली. दो से ढाई हज़ार फीट की ऊंचाई वाले इलाकों में अचानक मौसम बदलने के साथ ही बर्फबारी शुरू हुई. औली, बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब के मुख्य पड़ाव घाघरिया में भी अच्छी बराबरी देखी गई.
नर नारायण और नीलकंठ पर्वत पर भी अचानक तापमान गिरा और बर्फबारी शुरू हुई. बद्रीनाथ धाम में भी दीपावली से पहले बर्फबारी होने से तापमान में काफी गिरावट आ गई है. धाम में अचानक मौसम बदलने से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कड़ाके की ठंड से यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बद्री पुरी में इतनी ज्यादा ठंड हो गई है कि सीधे बर्फ गिरते ही बर्फ जमनी भी शुरू हो रही है. इधर, प्रशासन ने धाम में अलाव की व्यवस्था की है. मुख्य चौराहों पर अलाव जलवाए जा रहे हैं, लेकिन मौसम बदलते ही बर्फीली हवाएं बद्री विशाल धाम में यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं.
पिथौरागढ़ की दारमा घाटी भारी बर्फबारी हो रही है. दारमा के साथ ही व्यास घाटी के ऊँचे इलाकों में भी बर्फ गिर रही है. भारी बर्फबारी से ग्रामीणों को खासी परेशानी हो रही है. दारमा घाटी को जोड़ने वाली रोड बंद होने से दिक्कतें और अधिक बड़ी हुई हैं. दारमा घाटी के लोग इन दिनों निचले इलाकों की ओर माइग्रेट होते थे, लेकिन इस बार ज्यादा ग्रामीण घाटी में ही हैं. ऐसे में बर्फबारी होना सर मुंडाते ही ओले गिरने जैसी हालत हो गई है. इधर, चार धामों में अंतिम तैयारियां चल रही हैं.
बद्रीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर को तो गंगोत्री धाम के 5 और केदारनाथ व यमुनोत्री के 6 नवंबर को बंद होंगे. कपाट बंद होने की तैयारियां धामों में ज़ोरों पर हैं. मान्यताओं के मुताबिक मां गंगा के मायके मुखबा और मां यमुना के मायके खरसाली में उत्सव डोलियों के स्वागत के लिए तैयारियां चल रही हैं. गंगोत्री में 5 नवंबर को अन्नकूट का विशाल आयोजन होगा. कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु अगले 6 महीने गंगा के मायके मुखबा में दर्शन कर सकेंगे.
इसी तरह, यमुनोत्री धाम के कपाट भाई दूज पर ठीक 12:30 बजे बंद कर दिए जाएंगे. इससे पहले शनि महाराज की डोली यमुनोत्री धाम पहुंचेगी. मान्यता है कि यह भाई की डोली है, जो बहन को लेने पहुंचती है. यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहित आशीष उनियाल के हवाले से खबरों में कहा गया कि खरसाली में मां की उत्सव डोली के स्वागत में तरह तरह के पकवान और साज सज्जा की तैयारी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तराखंड ने मानसून नहीं, जलवायु परिवर्तन की मार झेली है !
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