फर्रुखाबाद. उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. बेटी की हत्या के आरोप में एक पिता को तीन साल जेल में बिताने पड़े. जैसे ही कागजों में मृत बेटी को पिता के जेल में होने की बात पता चली वह तुरंत थाने पहुंच गई. इस घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है. दरअसल पुलिस ने इस मामले में सभी सबूतों को दरकिनार कर जांच की थी. बेटी की मौत के आरोप में पिता को गिरफ्तार कर लिया गया. बेटी के जिंदा होने की बात सामने आते ही कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए पिता को रिहा कर दिया. वहीं मामले में मुख्य आरोपियों और पुलिस के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.
हैरान करने वाली ये घटना फर्रुखाबाद के मेरापुर गांव देवसैनी की है. साल 2016 में सोनी नाम की लड़की अचानक गायब हो गई थी. बेटी के लापता होने से परेशान बुजुर्ग पिता ने पुलिस स्टेशन जाकर केस सदर्ज कराया था. बुजुर्ग गई दिनों तक पुलिस स्टेशन के चक्कर काटते रहे. लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्रवाई ही नहीं की. जब पुलिस इस मामले को नहीं सुलझा सकी तो उसने बेटी के गायब होने के आरोप में उल्टा पिता को भी जेल में डाल दिया.
जिंदा बेटी के कत्ल के आरोप में पिता गिरफ्तार
खबर के मुताबिक 60 साल के बुजुर्ग ने गांव के ही रहने वाले ओंकार सिंह, अजब सिंह, बिशनदयाल, संतोष और संतोष देवी पर बेटी के गायब होने का शक जताया था. उन्होंने सभी के खिलाफ 2016 में एक शिकायत दर्ज कराई थी. लिखित शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने उल्टा पिचा को जबरन मामले में आरोपी बना दिया. पुलिस ने बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए धारा 302 के तहत बुजुर्ग पिता को जेल में डाल दिया. इस मामले की विवेचना तत्कालीन इंस्पेक्टर सुनील कुमार और एसआई मोहम्मद आसिफ ने की थी. आरोप है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने कानून को ताक पर रखकर ये कह दिया कि सोनी की हत्या हो चुकी है. उसकी हत्या किसी और ने नहीं बल्कि 60 साल के पिचा लालराम ने की है. इसे लेकर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी.
3 साल तक सलाखों के पीछे रहा बेगुनाह पिता
बेगुनाह होने के बाद भी लालाराम को 3 साल तक जेल में रहना पड़ा. बेटी को जब पिता के जेल में होने की बात पता चली तो उसने पुलिस के सामने जाकर खुद के जिंदा होने की बात कही. उसने पुलिस के सामने मर्जी से घर छोडऩे की बात भी कबूल की. सोनी ने पुलिस से अपने पिता को छोडऩे की गुहार लगाई. बेटी के सामने आते ही कोर्ट ने बेगुनाह पिता को रिहा कर दिया.
सोनी ने एसपी के सामने प्रमाण पत्र पेश कर कहा कि वह जिंदा है. दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों ने खुद को बचाने के लिए कोर्ट में फर्जी चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी. बेटी के जिंदा होने की जानकारी सामने आते ही कोर्ट ने गंभीरता से मामले की फिर सुनवाई की. सोनी के कोर्ट में पेश होने का आदेश देकर लाालराम की याचिका स्वीकार कर ली गई है.
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