जबलपुर. बिल्लोरे परिवार लगभग आठ दशकों से सिराली (वर्तमान जिला हरदा ) से जबलपुर आया है. तब से एक साथ रक्षाबंधन और भाई दूज मनाने की परंपरा केवल कोविड-19 के 2 वर्षों को छोड़कर लगातार जारी है.
रक्षाबंधन के अवसर पर सभी भाई अपनी सभी बहनों को आमंत्रित कर एक ही स्थान पर पर्व का आयोजन करते हैं जबकि भाई दूज पर सभी बहने किसी भी एक स्थान पर भाइयों को आमंत्रित करती हैं. विशेषता यह होती है कि परिवार के बुजुर्ग विशेष रूप से इन आयोजनों में मौजूद होते हैं.
इस आयोजन में देश के विभिन्न भागों में रहने वाले बच्चों के अलावा विदेशों में रहने वाले बच्चे भी सुविधानुसार उपस्थित रहते हैं यह परंपरा स्वर्गीय पुरुषोत्तम बिल्लोरे तथा स्वर्गीय एडवोकेट ताराचंद्र बिल्लोरे ने सुनिश्चित की थी वर्तमान में 90 वर्ष से अधिक उम्र के वयोवृद्ध श्री काशीनाथ बिल्लोरे, उमेश नारायण ( 80 वर्ष से अधिक) रमेश नारायण लगभग (78 वर्ष )चार पीढ़ियों के इस कुटुंब के मार्गदर्शन मैं है यह परंपरा जारी हुए है.
परिवार के छोटे बुजुर्ग श्री रमेश नारायण अपने पुत्र के साथ मुंबई में थे किंतु परिवार के आकर्षण से बंधे होने के कारण वे वापस जबलपुर आ गए हैं उनका मानना है कि कुटुंब के साथ रहने में जो सुख है उसकी भरपाई विश्व में कहीं नहीं हो सकती.
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