बीजिंग. सुपरपावर बनने की होड़ में चीन आए दिन नए मिसाइल लॉन्च कर रहा है. हाल ही में चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल जेएल-2 एसएलबीएम की टेस्टिंग की है. परमाणु क्षमता से लैस ये बैलेस्टिक मिसाइल सबमरीन अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा है. इस मिसाइल के जरिए चीन हिंद-प्रशांत महासागर से ही अमेरिका के शहरों को तबाह कर सकता है. हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग की रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने हाल के वर्षों में लॉन्ग रेंज SLBM (सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल) को विकसित करने के लिए तेजी से काम किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने 3 नवंबर को चीनी सेना और उसके सुरक्षा क्षेत्र में किए जा रहे विकास पर एक विस्तृत रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में जिस चीज पर लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा गया, वह चीन का परमाणु हथियार कार्यक्रम है (Nuclear Capable Submarine Launched Ballistic Missile). इसमें बताया गया है कि चीन अपने परमाणु हथियारों का विस्तार कर रहा है. उसके पास साल 2027 तक 700 परमाणु हथियार हो सकते हैं. यही आंकड़ा साल 2030 तक 1000 तक पहुंच सकता है. हालांकि रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया है कि चीन के पास इस समय कुल कितने परमाणु हथियार हैं.
पेंटागन की इसी रिपोर्ट में चीन के सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल यानी एसएलबीएम और न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन के बेड़े के बारे में भी बताया गया है. इस रिपोर्ट में पानी में मौजूद चीन के हथियारों को लेकर पेंटागन के आकलन की भी जानकारी दी गई है. चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) के पास वर्तमान में टाइप 094 के छह SSBN हैं, जिन्हें आमतौर पर जिन-क्लास के तौर पर जाना जाता है. इनमें से प्रत्येक में 12 जेएल-2 SLBM उठाने की क्षमता है. इसके अलावा नई तरह के टाइप 096 SSBN को जेएल-3 SLBM के नाम से जाना जाता है.
चीन की नई सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल यानी एसएलबीएम को लेकर कहा जा रहा है कि यह अमेरिका की मुख्य भूमि पर बिना पानी से दूर हुए या बिना अपना बंदरगाह छोड़े हमला कर सकती है. चीन ने अपने पनडुब्बी के बेड़े को 66 से बढ़ाकर 76 कर दिया है. इनमें उन छह नई परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी को भी शामिल किया गया है, जिनका हुलुडाओ शहर के बोहाइ यार्ड में निर्माण हो रहा है.
चीन का जेएल-2 एसएलबीएम पुराने जेएल-1 बैलिस्टिक मिसाइल का अपग्रेड वर्जन है. जिसे अभी भी टाइप 092 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी पर इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं जुलांग-2 यानी जेएल-2 एसएलबीएम टाइम 094 पर इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि हर एक एसएलबीएम पर सिंगल न्यूक्लियर वारहेड रखा जा सकता है, जिसकी रेंज 7400 से लेकर 8000 किलोमीटर तक होती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट से खुलासा: भारत से सटे विवादित इलाकों में गांव बसा रहा है चीन
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