रांची. झारखंड के रघुवर सरकार की नई जल कर नीति सवालों के घेरे में हैं. इस नीति के लागू लागू होने से इसकी जद में अब बीपीएल परिवार भी आ गए. झारखण्ड सरकार ने जो नई जल कर नीति बनाई है उसके तहत अगर कोई परिवार 5 हज़ार लीटर पानी से ज्यादा का खर्च करेगा तो उसे वाटर टैक्स देना होगा. पूर्व में जल कर 6 रुपए था जिसे बढ़ाकर अब 9 रुपए कर दिया गया है वहीं इसके साथ ही नए वाटर कनेक्शन में भी बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है. 500 रुपए से बढ़कर ये चार्ज 7 हजार रुपए हो गया है. इस मामले को लेकर अब आंदोलन की तैयारी हो रही है. रांची की मेयर ने इस फैसले के विरोध में 17 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरना का आह्वान किया है.
सरकार की नई जल कर नीति को लेकर रांची मेयर ने विरोध के झंडे भी बुलंद कर लिए हैं और इस मामले को लेकर 17 नवंबर को राजभवन के समक्ष धरने के भी आह्वान किया है. रांची मेयर आशा लकड़ा ने सभी सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों से इस जनांदोलन में शामिल होकर राज्य सरकार की जनविरोधी नीति का विरोध करने की अपील की.
मेयर के बताया की पूर्व में 6 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से जल कर का भुगतान करना पड़ता था, जबकि वर्तमान में उपभोक्ताओं को 5 हजार से 50 हजार लीटर शुद्ध पेयजल के उपभोग के लिए डेढ़ गुना अर्थात 9 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा और 50 हजार से अधिक जल का उपयोग करने पर लगभग दो गुणा अर्थात लगभग 11 रुपये प्रति किलो लीटर की दर से भुगतान करना होगा. इसके अलावा उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क 500 रुपये की जगह 7,000 रुपये भुगतान करना होगा, वहीं वाटर कनेक्शन चार्जेस स्क्वायर फीट के अनुसार भी है. आवासीय परिसर में इसकी अधिकतम लागत 42 हजार रुपए तक की गई है, इसके साथ ही व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 26 रुपए स्क्वायर फीट के तहत भुगतान करना होगा.
मेयर ने बताया कि राज्य सरकार ने वाटर कनेक्शन शुल्क में पूर्व की तुलना में 14 गुना वृद्धि कर दिया है, जो जनविरोधी नीति का प्रमाण है. रांची मेयर आशा लकड़ा ने बताया कि राज्य सरकार की नई जल कर नीति नगर निगम की परिषद की बैठक में प्रस्ताव के पारित होने के बाद लागू होनी थी लेकिन परिषद के द्वारा इस प्रस्ताव को पारित नही किया था बावजूद राज्य सरकार ने इस नई अधिसूचना को गैर कानूनी तरीके से लागू किया गया है. पूर्व में रांची नगर निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए नगर आयुक्त से विस्तृत जानकारी मांगी गई थी परंतु उन्होंने जानकारी दिए बिना ही निगम परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया, जिसका सभी पार्षदों ने विरोध किया. उन्होने बताया कि सिर्फ उन्ही इलाको में नए वाटर कनेक्शन को मुफ्त किया गया है जहां नई पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड: एक करोड़ का इनामी नक्सली किशन दा पत्नी के साथ सरायकेला से गिरफ्तार, वर्षों से थी तलाश
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