रांची. धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश चार्जशीट देखकर शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने बेहद नाराजगी जताई. हाईकोर्ट ने चार्जशीट को त्रुटिपूर्ण बताया और कहा- हत्या का कारण और उद्देश्य बताए बिना चार्जशीट दाखिल करना दु:खद है. सीबीआई से ऐसी अपेक्षा नहीं थी.
कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हाईकोर्ट पूरे केस की मॉनिटरिंग कर रहा है तो चार्जशीट फाइल करने से पहले उसे इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? हाईकोर्ट की निगरानी का मतलब सिर्फ खानापूर्ति करना नहीं होता. यह चार्जशीट त्रुटिपूर्ण है.
चीफ जस्टिस रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण ने अगली सुनवाई में सीबीआई डायरेक्टर को वर्चुअल माध्यम से हाजिर होने का आदेश दिया. हालांकि सीबीआई के आग्रह के बाद कोर्ट ने डायरेक्टर के हाजिर नहीं होने का अनुरोध मान लिया, लेकिन कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई में भी जांच संतोषजनक नहीं पाई गई तो डायरेक्टर को पेश होना होगा.
सीबीआई ने 20 अक्टूबर को फाइल की थी चार्जशीट
सीबीआई ने 20 अक्टूबर को चार्जशीट पेश कर दी थी. घटना के 90 दिन पूरे होने से पहले ही इसे पेश किया गया, ताकि जेल में बंद ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को जमानत न मिल सके. एजेंसी ने कहा- मामले में आगे जांच जारी है. ष्टक्चढ्ढ दोनों आरोपियों को 3 बार रिमांड पर ले चुकी है.
सीबीआई पहले ही बता चुकी है- ये हत्या है
सीबीआई को ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर झारखंड हाईकोर्ट में उसने बताया है कि जस्टिस उत्तम आनंद की हत्या की गई है. इसमें कुछ और लोग भी शामिल हैं. फिलहाल हर एंगल पर मामले की जांच जारी है. हालांकि एजेंसी की तरफ से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि हत्या के साजिशकर्ता कौन हैं?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड के रामगढ़ में रावण दहन रोकने से आक्रोशित ग्रामीणों ने किया पुलिस पर हमला, 6 पुलिसकर्मी घायल
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