चुराचांदपुर. मणिपुर में सेना के जवानों पर उग्रवादी हमले के खिलाफ देशभर में गुस्सा है. इस हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर मेजर विप्लव त्रिपाठी समेत पांच जवान शहीद हो गए. यही नहीं उग्रवादियों ने मेजर विप्लव के साथ मौजूद उनकी पत्नी और 8 साल के मासूम बेटे को भी गोलियों से छलनी कर दिया. इस हमले की जिम्मेदारी उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट ने ली है.
म्यांमार से सटे मणिपुर के चूराचांदपुर जिले में 46 असम राईफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विपल्व त्रिपाठी के काफिले पर उस वक्त घात लगाकर हमला किया गया, जब ये परिवार के साथ बटालियन हेडक्वार्टर लौट रहे थे. उग्रवादियों ने पहले आईईडी बलास्ट किया और फिर काफिले में चल रही गाड़ियों पर अधांधुंध फायरिंग कर दी. हमले की प्लानिंग इतनी पुख्ता थी कि किसी को संभालने का मौका नहीं मिला. मेजर विपल्व त्रिपाठी, इनकी पत्नी अनुजा त्रिपाठी और आठ साल के बेटे आशीष ने मौके पर ही दम तो़ड़ दिया.
इस हमले में मेजर और इनके परिवार के अलावा राइफलमैन सुमन स्वर्गियारी, खतनई कोनयक, आर पी मीणा, श्यामल दास में शहीद हो गए. 46 एआर बटालियन के सीओ, कर्नल विपल्व त्रिपाठी इसी साल मई के महीने में मणिपुर में तैनात हुए थे. इससे पहले वे दो सालों तक मिजोरम में अपना बटालियन के साथ तैनात थे. मिजोरम में स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कई कार्यक्रम किए थे, जिसके लिए मिजोरम के गर्वनर ने उन्हें सम्मानित किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मणिपुर के उखरूल में महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई तीव्रता
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