जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में एक बार फिर बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय कर आए प्रवासी परिंदे कुरजां में इस बीमारी की पुष्टि हुई है. जोधपुर जिले के कापरड़ा के तालाब पर मौत की शिकार हुईं कुरजा में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही पूरा सरकारी अमला हरकत में आ गया है. जिला कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक लेकर बर्ड फ्लू से निपटने को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मारवाड़ में इस समय हजारों कुरजा ने डेरा डाल रखा है.
साइबेरिया और मंगोलिया से लंबा सफर तय कर प्रति वर्ष सर्दी के मौसम में हजारों कुरजा मारवाड़ आती है. सर्दी समाप्त होने के साथ ये वापसी की उड़ान भर लेती है. जिला कलेक्टर ने बताया कि मृत पक्षियों के शव नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डीजीज इंडियन वेटेरीनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट भोपाल भेजकर जांच करवायी गई है. उसके अनुसार कापरड़ा में पाए गए मृत कुरजां पक्षी में एवीयन इन्फ्लुएंजा वायरस से संक्रमित है.
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए हैं कि एवीयन इन्फ्लुएन्जा की रोकथाम के संबंध में भारत सरकार के पशुपालन विभाग की ओर से जारी विस्तृत दिशा निर्देशों की पूरी तरह से पालना की जाए. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस बीमारी के कारण मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करना अतिआवश्यक है. इसलिये कुरजां पक्षी के शव पाए जाने पर आमजन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन तथा वन विभाग के अधिकारियों को सूचित करे ताकि प्रोटोकॉल के अनुरूप शवों का निस्तारण कर संक्रमण को रोका जा सके.
जिला कलेक्टर ने आदेश दिये हैं कि मेडिकल टीमों के साथ संबंधित विभागों की टीमें जलाशयों का नियमित निरीक्षण करें और मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का गहनता से जायजा ले. सभी के समन्वित प्रयासों से इस बीमारी के फैलाव को रोकने का हरसंभव प्रयास करें. उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित विभाग ग्राम पंचायतों का भी सहयोग लेकर एक्शन प्लान के साथ कार्य किया जाये.
कापरड़ा के तालाब पर बड़ी संख्या में कुरजां मृत मिलने के बाद डॉक्टर्स ने सबसे पहले उन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा था. इसके साथ ही बर्ड फ्लू और रानीखेत बीमारी की आशंका को मानकर पक्षियों के टीकाकरण का अभियान शुरू किया गया था. लेकिन बर्ड फ्लू के बावजूद विभाग की ओर से मृत पक्षियों के शवों को निस्तारण में सावधानी नहीं बरती जा रही है. अब प्रशासन इस बीमारी को लेकर पोल्ट्री फार्म पर भी जांच कर रहा है.
इसके साथ ही लोगों को चेतावनी जारी की गई है कि कोई पक्षी बीमार या मृत मिले तो तुरंत नजदीक के पशुपालन विभाग या वन विभाग के कार्मिकों को सूचित करें. बिना मास्क और ग्लब्स के पक्षियों को छुये नहीं. लोगों को यह हिदायत दी गई है कि इन दिनों अति संक्रमणशील वायरस पक्षियों में फैल रहा है. इसका बचाव ही उपचार है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान: जोधपुर बाड़मेर मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, 2 दर्जन से अधिक लोग झुलसे, 5 की मौत
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