नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक अपने पद पर अब पांच साल तक बने रहे सकते हैं. केंद्र सरकार ने रविवार को दो अध्यादेशों के जरिए उनका अधिकतम कार्यकाल बढ़ाया है. इस अध्यादेश के पारित होने के पहले तक ये नियुक्तियां दो साल की तय अवधि के लिए होती थी. यह सेवा विस्तार दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद विशेष परिस्थितियों व नियुक्ति समिति की अनुशंसा के आधार पर एक-एक वर्ष के लिए तीन बार मिल सकती है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को दो अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके बाद दोनों ही एजेंसियों के प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाकर अधिकतम पांच साल कर दिया गया. मोदी सरकार ने यह अध्यादेश संसद के शीत सत्र शुरू होने के महज दो हफ्ते पहले लाया है और अब इसे लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है. विपक्ष का कहना है कि सरकार संसद की भूमिका खत्म करना चाहती है.
सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया जब ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्र का कार्यकाल 19 नवंबर को खत्म होने वाला था लेकिन अब वह अपने पद पर बने रहेंगे. इससे पहले उन्हें एक सेवा विस्तार दिया जा चुका है. मिश्र 19 नवंबर 2018 को ईडी प्रमुख बने थे और दो साल का तय कार्यकाल खत्म होने के बाद राष्ट्रपति ने 13 नवंबर 2020 को उन्हें सेवा विस्तार दिया था.
इस सेवा विस्तार के खिलाफ एक एनजीओ ने याचिका दायर किया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में मिश्र की नियुक्ति को वैध कहा था लेकिन सरकार से आगे सेवा विस्तार देने से मना किया था. कोर्ट ने कहा था कि दो साल के तय कार्यकाल के बाद सेवा विस्तार विशेष परिस्थितियों में ही दिया जाना चाहिए जैसे कि कोई जांच पूरी करनी हो. ईडी निदेशक की नियुक्ति सीवीसी एक्ट और सीबीआई निदेशक की नियुक्ति दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत होती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में लाल बाग के पास झुग्गी में सिलेंडर फटने से लगी भीषण आग: 5 लोग गंभीर रूप से झुलसे
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