नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में बंद हुई करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की तीर्थयात्रा को फिर से शुरू किया जा रहा है. बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने जानकारी दी है कि करतारपुर कॉरिडोर को गुरु पर्व से एक दिन यानी 18 नवंबर से खोल दिया जाएगा. मत्था टेकने के लिए जाने के इच्छुक श्रद्धालु बुधवार से इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
पंजाब के बीजेपी नेताओं ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस दौरान नेताओं ने उनसे अनुरोध किया कि गुरु पर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर को पुनः: खोला जाए. यह प्रतिनिधिमंडल पंजाब की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में पीएम मोदी से मिला था.
वहीं बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में पंजाब के बीजेपी नेताओं ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से भी गुरुपर्व के मौके पर मिलकर कॉरिडोर को फिर खोलने की मांग की थी. ऐसा भी कहा गया था कि अमित शाह ने इस मामले पर ध्यान देने की बात कही थी.
अश्विनी शर्मा ने कहा था, त्योहार 19 नवंबर को है और गुरु नानक देव जी के अनुयायियों को पाकिस्तान में उनके जन्म स्थान की यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. बीजेपी की पहल पर 9 नवंबर, 2019 को कॉरिडोर खोला गया था. ऐतिहासिक गुरुद्वारा भारतीय सीमा से मात्र 4.7 किलोमीटर की दूरी पर है और 1947 में विभाजन के दौरान भारतीय क्षेत्र का हिस्सा बनने के लिए बातचीत की जानी चाहिए थी.
उन्होंने दावा किया था कि सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब तक मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के लिए कोविड की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. पिछले साल महामारी के कारण वीजा-मुक्त गलियारा बंद कर दिया गया था, क्योंकि यात्रा प्रतिबंध लगाए गए थे. वहीं 17 नवंबर से 26 नवंबर के बीच 1500 सिख तीर्थयात्रियों का जत्था पाकिस्तान जा रहा है. लेकिन ये सभी करतारपुर कॉरिडोर से नहीं बल्कि वाघा अटारी सीमा से वहां जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- प्रदूषण पर काबू पाने के लिए हम पूर्ण लॉकडाउन को तैयार
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