नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में मंगलवार को भी AQI के 396 पर रहने के साथ ही लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार कई कड़े कदम उठा रही है इसी क्रम में अब दिल्ली परिवहन विभाग ने आदेश जारी किया है कि जिन गाड़ियों के पास पॉल्युशन सर्टिफिकेट नहीं मिला उन पर 10000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. इस चालान के लिए दिल्ली में 400 से ज्यादा पेट्रोल पंप पर करीब 1600 सिविल डिफेन्स वालंटियर तैनात रहेंगे जिनके पास प्रदूषण सर्टिफिकेट चेक करने और चालान करने का अधिकार होगा.
दिल्ली के जनपथ पेट्रोल पंप पर तैनात सिविल डिफेंस वालंटियर बलबीर ने प्रदूषण सर्टिफिकेट चेक करने के तरीके और चालान के तरीके को पूरी तरह समझाते हुए बताया कि जब कोई गाड़ी पेट्रोल पंप पर आती है ,तो व्हीकल इनफार्मेशन नाम के ऐप पर गाड़ी का नंबर डाला जाता है, जिसमें उस गाड़ी की सारी डिटेल आ जाती है और पता चल जाता है कि गाड़ी ने प्रदूषण करवा रखा है या नहीं. प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं होने पर गाड़ी मालिक को उसी समय पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र से गाड़ी का प्रदूषण करवाने के लिए कहा जाता है.
गाड़ी का प्रदूषण नहीं करवाने पर उस गाड़ी की जानकारी गूगल शीट एप पर डाल दी जाती है. गूगल शीट एप पर गाड़ी का नंबर डाला जाता है, फिर सिविल डिफेंस वालंटियर का नाम लिखा जाता है. पेट्रोल पंप की लोकेशन भरते है, पॉल्युशन है या नही, ये डिटेल भारी जाती है. उसके बाद वाहन दोपहिया है या चार पहिया, ये भरा जाता है.
उसके बाद जो शख्स अपनी गाड़ी के पेपर नही दिखाता उसकी डिटेल परिवहन विभाग को भेज देते हैं. इसके बाद परिवहन विभाग 10 हज़ार तक का चालान गाड़ी मालिक भेज देता है. दिल्ली में करीब 1700000 गाड़ियां हैं जिनका पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है. जिन्होंने अपनी गाड़ियों का प्रदूषण नहीं कराया है तो वह लोग जिन्होंने अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं दिया पेट्रोल पंप पर जाते वक्त सावधान रहें उनका ₹10000 तक का चालान हो सकता है.
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को और 15 दिनों के लिए बढ़ाया जाएगा. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 18 नवंबर को समाप्त होने वाले रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान को 15 दिन और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. अभियान का दूसरा चरण 19 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलेगा.
गोपाल राय ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, यूपी, हरियाणा के अधिकारियों के साथ आज हुई बैठक में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया कि वर्क फ्रॉम होम को एनसीआर क्षेत्रों में भी लागू किया जाना के साथ ही निर्माण कार्य पर रोक लगनी चाहिए और उद्योग भी बंद होने चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में पराली जलने से दिल्ली में प्रदूषण में उसका योगदान 4% और उसी हलफनामे में दूसरी जगह 35-40% बताया है. ये दोनों ठीक नहीं हो सकते, हम केंद्रीय मंत्री से निवेदन करते हैं कि इसको स्पष्ट कीजिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- प्रदूषण पर काबू पाने के लिए हम पूर्ण लॉकडाउन को तैयार
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