सीहोर/भोपाल. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले दिग्गज खिलड़ी सचिन तेंदुलकर ने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के 560 आदिवासी बच्चों के भाग्य निर्माण का जिम्मा उठाया. उन्होंने बच्चों की सहायता के लिए एक गैर सरकारी संगठन के साथ हाथ मिलाया है. तेंदुलकर ने एनजीओ परिवार के साथ साझेदारी की है, जिसने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के दूरदराज के गांवों में सेवा कुटीर बनाए हैं. इन्हीं में से एक सेवा कुटिर सेवनिया में मंगलवार को सचिन पहुंच रहे हैं. वे यहां बच्चों से मिलेंगे और उनका हाल जानकर उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए भी प्रयास करेंगे. उन्होंने आज का दिन इस लिए भी चुना है क्योंकि यह दिन सचिन के लिए बहुत ही खास है. आज ही के दिन सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से सन्यास लिया था.
सीहोर जिले के गांव सेवनिया, बीलपाटी, खापा, नयापुरा और जामुन झील के बच्चों को अब तेंदुलकर फाउंडेशन की मदद से पोषण भोजन और शिक्षा मिल रही है. बच्चे मुख्य रूप से बरेला भील और गोंड जनजाति के हैं. जिनमें अधिकतर माध्यमिक शाला के छात्र हैं. सेवा कुटिर में छात्रों के भोजन का और शैक्षणिक सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है. ग्रामीण बताते हैं कि यहां छात्रों को प्रतिदिन दोनों समय भोजन, नाश्ता व पोषण आहार दिया जाता है. साथ ही सप्ताह में एक दिन विशेष भोज दिया जाता है. सेवनिया में करीब 30 बच्चे हैं. जिन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. जानकारी अनुसार सचिन ने प्रदेश के करीब 42 गांवों में सेवा कुटिर बनाए हैं. जिनमें से सेवनिया और देवास जिले के बच्चों से मिलने वे मंगलवार को पहुंचे हैं.
देवास जिले के खातेगांव के संदलपुर में सचिन तेंदुलकर
यहां से वह नजदीकी गांव सेमरी में जाकर बच्चों से बातचीत करेंगे. उनके आगमन को लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. सचिन तेंदुलकर मंगलवार को सुबह इंदौर पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि वह सलकपुर में विजयासन माता के दर्शन भी करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-वीवीएस लक्ष्मण होंगे राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के अगले प्रमुख, द्रविड़ के बाद संभालेंगे जिम्मेदारी
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