वॉरसा. शरणार्थी संकट को लेकर पोलैंड और बेलारूस के बीच जंग के हालात उत्पन्न हो रहे हैं. रूस ने पोलैंड से सटे बेलारूस की सीमा में प्रवासियों के पहुंचने को लेकर तनाव के बीच अपने सहयोगी (बेलारूस) के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए वहां पैराट्रूपर भेजे हैं. वहीं ब्रिटेन और यूरोपीय संघ पोलैंड की मदद का ऐलान कर चुके हैं. इसे देखते हुए बेलारूस ने सीमा पर लगी बाड़ काटने के लिए शरणार्थियों को उपकरण भी मुहैया करा दिए हैं. ऐसा उनके यूरोपीय देशों में पहुंच बनाने को लेकर किया गया है.
यह भी आशंका जताई गई थी कि पोलैंड और उसके समर्थन में उतरे ब्रिटेन व अन्य देशों के सैनिक सोमवार देर रात शरणार्थियों और उनकी आड़ में घुस रहे बेलारूस के सैनिकों पर हमला कर सकते हैं. वहीं इसी इलाके में रूस और बेलारूस के सैनिक युद्धाभ्यास भी कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि जंग का खतरा अधिक है.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने पिछले दिनों कहा था कि संयुक्त युद्धाभ्यास के तौर पर रूसी पैराट्रूपर भारी मालवाहक ..-76 विमान से बेलारूस के गोडनो क्षेत्र में उतरे. बेलारूस की सेना ने कहा था कि रूसी पैराट्रूपर की संलिप्तता वाले इस अभ्यास का मकसद बेलारूस सीमा के पास सैन्य गतिविधि बढ़ जाने के कारण सहयोगियों की त्वरित जवाबी कार्रवाई की तैयारी की परखना है.
न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में रूस के उप राजदूरत दमित्री पोलैंस्की ने कहा था कि पोलैंड-बेलारूस सीमा पर भारी सैन्य जमावाड़े के जवाब में ये उड़ानें पहुंची हैं. रूस हजारों प्रवासियों एवं शरणार्थियों के पोलैंड से लगती बेलारूस की सीमा में पहुंचने पर उसके (बेलारूस के) समर्थन में उतर आया है. पश्चिम एशिया के ये ज्यादातर लोग यूरापीय संघ पहुंचने की आस में वहां जुटे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- प्रदूषण पर काबू पाने के लिए हम पूर्ण लॉकडाउन को तैयार
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