MC की चेतावनी- जब तक शरीर में खून है BSF को पश्चिम बंगाल में घुसने नहीं देंगे

MC की चेतावनी- जब तक शरीर में खून है BSF को पश्चिम बंगाल में घुसने नहीं देंगे

प्रेषित समय :15:18:21 PM / Tue, Nov 16th, 2021

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अगले हफ्ते नई दिल्ली के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं. TMC सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में वह राज्य के बकाये और बीएसएफ का बढ़ाए गए अधिकार क्षेत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगी. उधर पश्चिम बंगाल विधानसभा में BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के विरोध में प्रस्ताव पेश किया गया है. हालांकि BJP ने इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है. विधानसभा में इस प्रस्ताव पर TMC ने कड़ा रुख अपना लिया है.

TMC प्रवक्ता ने कहा- 2024 के लोकसभा चुनाव आ रहे हैं और इस 50 किलोमीटर के दायरे में 22 लोकसभा सीटें आती हैं. बीजेपी BSF के जरिए इन्हीं 22 सीटों पर नज़र रखे हुए हैं, इसलिए ही ये 15 किलोमीटर के दायरे को बढ़ाकर 50 करना चाहते हैं. क्या BSF जवान कानून व्यवस्था के मुद्दे सुलझाने में सक्षम हैं? सिलीगुड़ी से सुंदरबन तक सीमा के इलाके में हत्याएं हुई हैं. टीएमसी ने साफ़ कहा है कि जब तक हमारे शरीर में खून बाकी है, हम बीएसएफ को अपनी जमीन में प्रवेश नहीं करने देंगे. हम देखेंगे कि कैसे आखिर BSF कैसे 50 किलोमीटर के इलाके में घुसती है. हमारी सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी नहीं रहेगी.

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अगले हफ्ते नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं. इस मीटिंग में भी राज्य के बकाये और बीएसएफ का बढ़ाए गए अधिकार क्षेत्र पर चर्चा होना संभव है. ममता 22 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी का दौरा कर सकती हैं और 25 नवंबर को कोलकाता लौटेंगी. TMC सूत्रों के मुताबिक- दिल्ली में अपने तीन दिन के दौरे पर वह प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी. बनर्जी अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी बैठक कर सकती हैं.

मोदी के साथ उनकी प्रस्तावित बैठक के एजेंडा के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने कहा, ”मुख्यमंत्री राज्य के बकाए चुकाने के लंबे समय से चली आ रही मांग को उठाएंगी. वह सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक बढ़ाए जाने के केंद्र के फैसले पर अपनी आपत्ति भी दर्ज कराएंगी.” तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने इससे पहले कहा था कि केंद्र का कदम केवल ”आम लोगों को प्रताड़ित” करने वाला है और प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मुद्दे पर आपत्तियां भी उठाई थी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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