इंटरपोल के पूर्व अध्यक्ष मेंग होगवेई की पत्नी ग्रेस मेंग ने चीन की शी जिनपिंग सरकार को राक्षस करार दिया है. ग्रेस मेंग ने कहा कि चीनी सरकार अपने बच्चों को ही खा जाती है.
ग्रेस मेंग के पति मेंग होगवेई चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में अहम पद पर थे. चीनी सरकार ने उन्हें इंटरपोल (Interpol) का अध्यक्ष बनाकर पेरिस भेजा. मेंग होगवेई के साथ ही उनकी पत्नी ग्रेस मेंग भी फ्रांस पहुंची.
सितंबर 2018 में मेंग होगवेई सरकारी काम से चीन गए थे. उसके बाद वे लापता हो गए. इशके बाद चीनी सरकार ने होगवेई पर रिश्वतखोरी के आरोप लगा कर उन्हें 13 साल छह महीने की कारावास की सजा सुना दी. इस घटना के बाद से ग्रेस मेंग अपने दो जुड़वां बेटों के साथ फ्रांस में राजनीतिक शरणार्थी बन कर रह रही हैं और चीन के शासन से क्षुब्ध होकर उसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं.
ग्रेस मेंग ने कहा, ‘पिछले तीन साल में मैंने उसी तरह राक्षस के साथ रहना सीख लिया है, जैसे दुनिया ने वैश्विक महामारी के साथ जीना सीख लिया है.’ एपी को दिए इंटरव्यू में ग्रेस मेंग ने कहा कि पति के साथ उनकी आखिरी बातचीत 25 सितंबर, 2018 को हुई थी. उस दौरान होगवेई काम के सिलसिले में बीजिंग गए थे. इसके बाद उन्होंने मोबाइल फोन पर दो संदेश भेजे.
ग्रेस ने बताया कि उन्होंने पहले संदेश में लिखा था, ‘मेरे कॉल का इंतजार करो.’ इसके 4 मिनट बाद उन्होंने रसोई में इस्तेमाल होने वाले चाकू की इमोजी भेजी, जिसका अर्थ था कि वे खतरे में हैं. इसके बाद वे लापता हो गए. उस घटना के बाद से फ्रांस में मौजूद उसके वकीलों ने चीन (China) सरकार को कई बार पत्र भेजे लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला. यह भी पता नहीं चला कि उनके पति जीवित भी हैं या नहीं.
चीन सरकार के व्यवहार से ग्रेस मेंग इतनी गुस्से में हैं कि उन्होंने अपना चीनी नाम गाओ गे इस्तेमाल करना बंद कर दिया है और वह ग्रेस मेंग के रूप में अपनी पहचान बताती हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं मर कर फिर से जीवित हुई हूं.’ उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उनके पति कहां हैं और उनका स्वास्थ्य कैसा है. होगवेई अब 68 वर्ष के होने वाले हैं.
ग्रेस ने कहा, ‘मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे अपने पिता के बगैर रहे.’ उन्होंने तर्क दिया कि इंटरपोल ने उनके पति के मामले में कड़ा रुख न अपनाकर बीजिंग के निरंकुश व्यवहार को प्रोत्साहन दिया है. ग्रेस ने कहा कि उनके पति के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक असहमति को आपराधिक मामले में बदलने का एक उदाहरण है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद गायब हुई चीनी खिलाड़ी तो ओसाका ने जताई चिंता
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