मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को प्राइवेट और सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद उसे मोर्चरी में रख दिया गया. अलगे दिन सुबह घायल व्यक्ति को मोर्चरी में सांस लेते देखा गया. जैसे ही इस बात की जानकारी डॉक्टरों को मिली पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. जिसके बाद आनन-फानन में दोबारा उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद उसका इलाज फिर से शुरू किया गया. उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे बाद में मेरठ मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया.
घटना संभल के हजरतनगर गढ़ी थाना इलाके के पोटा बराही गांव की है. यहां रहने वाले श्रीकेश गौतम को गुरुवार रात मंडी समिति के बाइक बाइक ने तेज टक्कर मार दी थी. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली रोड पाकबड़ा के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. शुरुआती इलाज के बाद उन्हें मुरादाबाद के ब्राइट स्टार अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जब वहां भी उनकी हालत नहीं सुधरी तो उन्हें मझोला के साईं अस्पताल और इसके बाद कांठ रोड के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया.
निजी और सरकारी अस्पताल पर उठे सवाल?
पुलिस शव का पंचनामा करने परिजनों को लेकर मोर्चरी पहुंची और जैसे ही मोर्चरी का दरवाजा खोलकर श्रीकेश के पास पहुंचे तो देखा कि जिस श्रीकेश को दो-दो अस्पतालों के डॉक्टरों ने मुर्दा घोषित कर मोर्चरी में रखा था उसकी सांसे चल रही हैं. इसके बाद वहां हड़कंप मच गया. परिजन तुरंत मोर्चरी से श्रीकेश को उठाकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां श्रीकेश का डॉक्टर ने इलाज शुरू कर दिया है. वहीं सड़क हादसे का शिकार श्रीकेश के जिंदा होने के बाद परिजन ऊपर वाले का शुक्रिया अदा कर ही रहे हैं. लेकिन इसके साथ-साथ वह निजी और सरकारी अस्पताल और उन पुलिसकर्मियों को भी कोस रहे हैं, जिन्होंने उनके परिवार के जिंदा शख्स को मुर्दा घोषित कर मोर्चरी में रखवा दिया था.
कोई जीवित होने के लक्षण नहीं थे- डॉक्टर
मामले में सीएमएस डॉ शिव सिंह ने बताया कि डॉक्टर मनोज यादव इमरजेंसी में थे एक मरीज जिसका नाम श्रीकेश है वो गम्भीर अवस्था में लाया गया था. उसके बाद मोर्चरी में रखवा दिया गया, सुबह जब पुलिस को इन्फॉर्मेशन दी गयी तो पूरा प्रकरण देखा गया. पुलिसवालों ने बताया उसकी सांस चल रही है. सिंह ने कहा कि मनोज यादव से जब मैने पूछा तो उन्होंने बताया कि कई बार उन्होंने मरीज को देखा, वो कह रहे थे उसकी सांस नहीं चल रही थी. कोई जीवित होने के लक्षण नहीं थे, अच्छी तरह से देखा था. फिलहाल जांच की जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी के महाराजगंज में पुजारी और साध्वी की हत्या, मंदिर में लगी मूर्ति से सिर पर वार कर मार डाला
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