यूरोप में खतरे की घंटी: ऑस्ट्रिया में फिर से लगा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन

यूरोप में खतरे की घंटी: ऑस्ट्रिया में फिर से लगा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन

प्रेषित समय :13:29:43 PM / Sat, Nov 20th, 2021

बर्लिन. ऑस्ट्रिया के चांसलर एलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस की चौथी लहर पर काबू पाने के लिए देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया जाएगा. इसके साथ ही ऑस्ट्रिया पूर्वी यूरोप का ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने अपने मुल्क में कोरोना की रोकथाम के लिए फिर से पूर्ण लॉकडाउन की ओर कदम बढ़ाया है. राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू में 10 दिनों तक चलेगा, फिर प्रभावों का आकलन किया जाएगा और यदि वायरस के मामले पर्याप्त रूप से कम नहीं हुए, तो इसे अधिकतम 20 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है.

शालेनबर्ग ने कहा कि लॉकडाउन सोमवार से आरंभ होगा और दस दिन के लिए प्रभावी रहेगा. इसमें छात्रों के लिए स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं नहीं लगेंगी, रेस्टारेंट और सांस्कृतिक कार्यक्रम पर भी रोक होगी. सरकारी प्रसारणकर्ता ओआरएफ की खबर के मुताबिक एक फरवरी से देश में टीकाकरण भी अनिवार्य कर दिया जाएगा. शालेनबर्ग ने कहा, हम पांचवीं लहर नहीं चाहते हैं.

देश के स्वास्थ्य मंत्री वोल्फगैंग म्यूकस्टीन ने बाद में कहा कि किंडरगार्टन और स्कूल उन लोगों के लिए खुले रहेंगे जिन्हें वहां जाने की जरूरत है, लेकिन सभी माता-पिता से कहा गया कि यदि संभव हो तो अपने बच्चों को घर पर रखें. किंडरगार्टन (बालवाड़ी) खेल के माध्यम से छह वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देने संबंधी एक विशेष पद्धति है.

मोटे तौर पर ऑस्ट्रिया की दो-तिहाई आबादी को COVID-19 के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जो पश्चिमी यूरोप में सबसे कम दरों में से एक है. इसका संक्रमण महाद्वीप पर सबसे अधिक है. पिछले सात दिनों में यहां प्रति 100,000 लोगों पर 991 मामले सामने आए हैं.

ऑस्ट्रिया ने शुरू में केवल उन लोगों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की शुरुआत की थी, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार ने सभी के लिए इसे लागू कर दिया. दो सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत, साल्ज़बर्ग और ऊपरी ऑस्ट्रिया ने गुरुवार को कहा कि वे अपने यहां लॉकडाउन की शुरुआत करेंगे, जिससे सरकार पर राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा करने का दबाव बढ़ेगा.

शालेनबर्ग ने कहा कि कई तरह के प्रयासों और अभियानों के बावजूद कुछ ही लोगों ने टीकाकरण कराने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि देश में फरवरी में टीकाकरण अनिवार्य किये जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. शालेनबर्ग ने कहा, “यह बहुत दर्दनाक है.” उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन जो लोग टीकाकरण से इनकार करते रहे, उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

पिछले सात दिनों से देश में संक्रमण के प्रतिदिन 10,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. अस्पतालों में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और इस महामारी से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है. ऑस्ट्रिया में अब तक इस वायरस से 11,525 लोगों की मौत हो चुकी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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