नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में लगातार खराब होती हवा और वायु प्रदूषण को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार से कहा कि अगर जरूरत लगे तो दो दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने का कदम उठाएं. चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत ही खराब स्तर पर है. उन्होंने कहा कि यह आपातकाल स्थिति है और हमें बताएं कि इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आज इस पर एक बैठक बुलाई गई है. उन्होंने कहा, “मैं किसी राज्य को या किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा हूं. हम कदम उठा रहे हैं.” इस पर सीजेआई ने कहा कि बैठक में कड़े कदम उठाइए, अगले दो-तीन दिन में हालात बेहतर होने चाहिए.
सीजेआई रमणा ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हमारा किसी सरकार से लेना देना नहीं है. प्रदूषण कैसे नियंत्रित होगा ये बताएं. उन्होंने कहा, “हमें घरों में भी मास्क पहनना होगा. छोटे बच्चों को इस हालत में स्कूल जाना पड़ रहा है. प्रदूषण से उनके फेफड़े खराब हो सकते हैं. इसके बारे में भी दिल्ली सरकार को सोचना चाहिए. यह केंद्र का अधिकार नहीं, दिल्ली सरकार का अधिकार है.”
उन्होंने कहा, “हमें बताएं कि वायु गुणवत्ता सूचकांक को 500 से कम करके कम से कम 200 पर कैसे लाया जा सकता है. कुछ तत्काल कार्रवाई करें. क्या आप दो दिनों के लॉकडाउन या कुछ और उपाय के बारे में सोच सकते हैं. लोग कैसे जी सकते हैं?”
वहीं जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इसके लिए दिल्ली और अन्य राज्य सरकार का फैशन बन गया है किसानों को जिम्मेदार बताना. उन्होंने पूछा कि पटाखा बैन का आदेश दिया था, उसका क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट को केंद्र और राज्य बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में बताएंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सीएम अशोक गहलोत का दिल्ली दौरा, मंत्रिमंडल विस्तार की फिर सुगबुगाहट
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