न्यूयार्क. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस शुक्रवार को राष्ट्रपति पद संभालने वाली अमेरिका की पहली महिला बन गईं. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को रूटीन ‘कोलोनस्कॉपी’ चेकअप कराने के लिए वाल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर गए. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि ‘कोलोनस्कॉपी’ के दौरान बाइडन ‘एनिसथीसिया’ के प्रभाव में रहेंगे, इसी वजह से उन्होंने कुछ समय के लिए अपनी शक्तियां हैरिस को सौंपी हैं.
अमेरिका की पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति हैरिस ने राष्ट्रपति पद धारण करके इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे शब्दों में अंकित कर लिया है. जेन साकी ने बताया कि बाइडन ने स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 35 मिनट पर हैरिस और व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रोन क्लैन से बातचीत की, जिसके बाद हैरिस ने अपना दायित्व संभाल लिया.
बाइडन (78) ने दिसंबर 2019 में अपने शरीर की पूरी जांच कराई थी और तब चिकित्सकों ने पूर्व उपराष्ट्रपति को स्वस्थ और राष्ट्रपति का कर्तव्य सफलतापूर्वक निभाने के लिए उपयुक्त पाया था. साल 2009 से ही बाइडन के चिकित्सक डॉ. केविन ओ कोनोर ने तब तीन पन्नों के नोट में लिखा था कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडन पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में शक्तियों का अस्थायी हस्तांतरण अभूतपूर्व नहीं है. यह अमेरिकी संविधान में निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है. साकी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि राष्ट्रपति जो बाइडेन उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को शक्तियां ट्रांसफर करेंगे. इस दौरान वह अपने इलाज के लिए एनिस्थिसिया लेंगे. जो बाइडेन हर साल कॉलोनोस्कोपी करवाते हैं. ऐसे में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति को नियुक्त किया जाएगा. अमेरिका में जब भी राष्ट्रपति को एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है, तो उपराष्ट्रपति के लिए राष्ट्रपति की शक्तियों को ग्रहण करना सामान्य बात है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमेरिका ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी, कहा- भारत में अब कोरोना संक्रमण का खतरा बेहद कम
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