देहरादून. उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों का आंदोलन 5 दिन से जारी है. कर्मचारी संगठन सैनिक कल्याण उत्तराखंड के पूर्व सैनिक कर्मचारियों ने पांचवें दिन भी कार्य बहिष्कार जारी रखा. पूर्व-सैनिक और वीरांगनाएं धरने पर बैठ कर सरकार से सातवें वेतनमान को देने की मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि प्रदेशभर के पूर्व सैनिक साल 2016 से इस लाभ को देने की मांग कर रहे हैं. वे विभागीय संविदा नियुक्ति के दिन से इसके लाभ की मांग कर रहे हैं.
केंद्रीय सैनिक बोर्ड रक्षा मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस पर खुले मन से पूर्व सैनिक संगठन ने समर्थन देने की घोषणा की है, क्योंकि 75% वेतन और भत्ते भारत सरकार रक्षा मंत्रालय केंद्रीय सैनिक बोर्ड दिल्ली द्वारा दिए जाते हैं. मात्र 25% ही राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है फिर भी कर्मचारियों की मांग न माने जाने से वे आक्रोशित हैं.
पिछले पांच दिन से आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सैन्य बहुल पर्वतीय प्रदेश में हमारे पूर्व सैनिक सैनिक कल्याण संविदा कर्मचारी जायज मांगों को लेकर सैनिक कल्याण निदेशालय में धरने पर बैठे हैं. यह दुर्भाग्य की बात है कि उनको इस तरह अपनी मांगों के लिए सड़कों पर धरना देना पड़ रहा है. हाल ही में सैनिक कल्याण निदेशालय कालिदास मार्ग पहुंचे आंदोलनकारी पूर्व सैनिक कर्मचारियों ने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से निवेदन किया. उन्होंने उनसे मांग की कि वे व्यक्तिगत रुचि लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सैनिकों के सम्मान में यह प्रकरण अपने स्तर से कैबिनेट में लाने के लिए आदेशित करें. इससे पूर्व सैनिकों, वीर नारियों को सम्मान मिलेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण: दिल्ली- एनसीआर में अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद, ट्रकों की एंट्री बैन
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