शास्त्रों में दहलीज को महत्वपूर्ण जगह माना गया है. यह वो स्थान है जो घर में बुरी शक्तियों के प्रभाव को प्रवेश करने से रोकता है. दहलीज का रोज पूजन किया जाना घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में वृद्धि करता है. दहलीज पर बनाए गए शुभ मांगलिक चिह्न घर की सुख और समृद्धि में वृद्धि करते है. दहलीज लक्ष्मी का प्रवेश द्वार है. विवाह के बाद जब वधू यानी कि गृहलक्ष्मी घर में प्रवेश करती है तो घर के दहलीज पर अन्न का कलश रखा जाता है. अन्न समृद्धि का प्रतीक है. जिसका अर्थ है कि गृहलक्ष्मी अपने साथ समृद्धि को लिए प्रवेश करें.
देहरी पूजन
पूजन सामग्री- हल्दी, कुमकुम, चावल, धूप, दीपक, गुड़
सबसे पहले घर में भगवान की पूजन हो जाने के बाद देहरी पूजन करें. हल्दी एक शुभ मांगलिक वस्तु है. जिसका देहरी पूजन में बहुत महत्तव है. देहरी पर हल्दी से स्वस्तिक बनाकर अक्षत रखें. स्वस्तिक दरवाजे के दोनों ओर बनाएं. भगवान के पूजन के समय पांच दीपक प्रज्वलित करें. एक पूजा के स्थान पर रखें . दूसरा दीपक तुलसी माता के पास रखें. तीसरा दीपक पीने के पानी के स्थान पर रखें. बाकी दोनों दीपकों को देहरी पर बनाए गए स्वस्तिक पर रखें. देहरी पर आरती करें. देहरी पर निवास करने वाली देवी लक्ष्मी को प्रणाम करें. घर में सदा सुख -समृद्धि बनाए रखने की प्रार्थना करें. देहरी पर निवास करने वाले देवी- देवताओं के निमित्त गुड़ का प्रसाद रखा जाना भी शुभ होता है. दीपक के पास थोड़ा गुड़ रखें.
देहरी पूजन मंत्र - ऊँ वैभवलक्ष्मयै नमः.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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