जबलपुर में पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने कहा: भाजपा के लिए हिन्दू धर्म आस्था का सवाल नहीं, इनका एक राजनैतिक हथियार है

जबलपुर में पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने कहा: भाजपा के लिए हिन्दू धर्म आस्था का सवाल नहीं, इनका एक राजनैतिक हथियार है

प्रेषित समय :19:46:40 PM / Sun, Nov 14th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. भारतीय जनता पार्टी के लिए हिन्दू धर्म आस्था का सवाल नहीं है, ये इनका एक राजनैतिक हथियार है. मैं अच्छा हिन्दू हू, मुझसे बेहतर कोई हिन्दू हो तो बता दे, आज एकादशी है कितने भाजपाई है जो एकादशी का व्रत रखते है यदि रखते है तो बता दे, मैं 40 साल से रखता हूं. इस आशय की बात पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने आज जबलपुर प्रवास पर सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही.

पूर्व सीएम श्री सिंह ने सलमान खुर्शीद की पुस्तक पर बैन लगाने को लेकर कहा कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का किताब व पढ़ाई, लिखाई से कोई नाता नहीं है, अब धर्म की राजनीति बंद करना होगी. उन्होने हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम को बदलने पर कहा कि ये कास्मेटिक बदलाव है. यदि रानी कमलावती के नाम का उपयोग करना ही था तो उनके खंडहर हो रहे पुराने महल को मामा शिवराजसिंह ने क्यो ठीक नहीं कराया है, सिर्फ असली चेहरे को छिपाने के लिए ये नाम परिवर्तन का खेल खेला जा रहा है. उन्होने कहा कि भाजपा कभी आदिवासियों की हितैषी नहीं हो सकती है नेमावर में तीन आदिवासी युवक-युवती व उनकी मां की हत्या कर जमीन में दफना दिया गया, आदिवासी समाज व हम आवाज नहीं उठाते तो इस मामले को दबा दिया जाता. आदिवासियों का शोषण करना ही इनका चरित्र है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बिरसा मुंड के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भोपाल आगमन पर कहा कि श्री मोदी आ रहे है उनका स्वागत है लेकिन मेरा सवाल यह है कि आदिवासियों के लिए आवंटित राशि से 13 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर भाजपा का सम्मलेन कराना कहां तक उचित है, सबसे ज्यादा चंदा वसूलने वाली पार्टी अपने खर्च पर आदिवासी सम्मेलन क्यों नहीं करा रही है. उन्होने यह भी कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस ने ही सबसे ज्यादा आदिवासियों को फायदा पहुंचाया है, उन्हे संविधान में अधिकार, डीजल, पेट्रोल पम्प, गैस एजेंसी, जमीन का आवंटन, आरक्षण का लाभ दिया. आज हालात ऐसे है कि देश में सबसे ज्यादा अत्याचार आदिवासियों पर एमपी में ही हो रहा है, ये एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चल जाएगा, लेकिन ये सच का सिर्फ तिहाई हिस्सा ही है, पूरा सच तो यह है कि दो तिहाई मामले तो एमपी में आज की हालत में दर्ज ही नहीं किए जा रहे है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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