इंदौर के सॉफ्टवेयर डेवलपर ने की क्रिप्टो करेंसी ऐप के जरिये 6.70 करोड़ की धोखाधड़ी, जापानी क्लाइंट को बनाया निशाना

इंदौर के सॉफ्टवेयर डेवलपर ने की क्रिप्टो करेंसी ऐप के जरिये 6.70 करोड़ की धोखाधड़ी, जापानी क्लाइंट को बनाया निशाना

प्रेषित समय :12:07:23 PM / Tue, Nov 30th, 2021

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर की सॉफ्टवेयर कंपनी के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कर्मी ने कंपनी के जापानी क्लाइंट से क्रिप्टो करेंसी ऐप के जरिए 6 करोड़ 70 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर पत्नी और मां के वॉलेट में रुपए ट्रांसफर कर दिए. जिसके बाद कर्मी अपनी संपत्ति बेचकर विदेश भागने वाला था, उसके पहले ही साइबर पुलिस ने मथुरा से गिरफ्तार कर लिया.

एसपी जितेंद्र सिंह के अनुसार 15 जुलाई 2021 को नो बार्डर्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पीयूष सिंह ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने ने कहा था कि क्रिप्टो बेस्ड प्रोडक्ट के जपानी क्लाइंट रियोत केशी कुबो के क्रिप्टो करेंसी ऐप से क्रिप्टो करेंसी की धोखाधड़ी की गई है. कंपनी के सर्वर से लॉग्स मिटाने, कम्प्यूटर कोड से छेड़छाड़ करके 25 बिटकॉइन एवं 30 इथर कॉइन, जिसका मूल्य कुल लगभग 6 करोड़ 70 लाख रुपए है, निकाल लिए गए हैं.

पत्नी और मां के नाम से बनाए फर्जी वॉलेट-

सायबर सेल की शुरुआती जांच में पता चला कि जापान के क्लाइंट के लिए पीयूष की कंपनी ने 3 प्रोडक्ट्स बनाकर दिए थे. इन प्रोडक्ट्स का उपयोग करके कोई भी उपयोगकर्ता अपना डिजिटल वॉलेट अकाउंट बना सकता है. इस डिजिटल वॉलेट में क्रिप्टो स्टोर कर सकता है और उन्हें निवेश कर सकता है. इससे क्रिप्टो एसेट्स को ट्रांसफर भी कर सकता है.

इसी प्रोडक्ट में उपयोगकर्ता अपने क्रिप्टो एसेट्स को इन्वेस्ट करते हैं, जिस पर उपयोगकर्ता को रिवॉर्ड और बोनस मिलता है. हर दिन कंपनी की बनाई स्क्रिप्ट के चलते डेली बेसिस पर यूजर के डिजिटल अकाउंट में क्रेडिट होता है. पीयूष की कंपनी में ही सॉफ्टवेयर डेवलपर संदीप गोस्वामी ने एक्सेस का गलत उपयोग किया. उसने जापानी क्लाइंट के प्रोडक्ट में फर्जी यूजर बना दिए. उनमें यूपीआई के द्वारा क्रिप्टों का फर्जी इंवेस्टमेंट दिखाया, जिससे आरोपी को भी डेली रिवार्ड मिलने लगा. इसके बाद पुलिस ने संदीप पुत्र राजुकमार गोस्वामी निवासी गौरी नगर द्वारका विहार सागर को आरोपी बनाया.

छोड़ दी थी कंपनी-

जानकारी के अनुसार संदीप गोस्वामी ने इसी बीच कंपनी ने छोड़ दी थी. आरोपी के घर जब सागर में सायबर की टीम पहुंची तो वहां ताला मिला. पुलिस को आरोपी के मथुरा वृंदावन में होने की सूचना मिली. यहां गिरफ्तारी से बचने के लिए संदीप मथुरा में किराए के मकान में दो महीने से रह रहा था. उसने 15 हजार रुपए प्रतिमाह में मकान किराए से लिया था. वह अपनी संपत्ति बेचकर विदेश जाने की तैयारी में था, उसने इसका सौदा भी कर लिया था, लेकिन उसके पहले सायबर पुलिस ने उसे पकड़ लिया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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