भोपाल. मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव का ऐलान हो चुका है. अब निर्वाचन क्षेत्रों में तीन साल से पदस्थ अधिकारी हटाए जाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने गृह और राजस्व विभाग को कार्रवाई कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं. गृह विभाग कुछ पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर भी चुका है. इसके साथ ही वोटर लिस्ट भी फाइनल हो जाएगी. जिन पंचायतों में परिसीमन हो चुका था, उसे आयोग ने पूर्ववत स्थिति में लाने के लिए संबंधित जिलों के कलेक्टरों से कहा था.
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि राज्य शासन ने उन अधिकारियों का ट्रांसफर करने के लिए कहा है, जो सीधे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े होते हैं. इनमें एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, डीएसपी, थाना प्रभारी, उप निरीक्षक, सहायक निरीक्षक और पंचायत सचिव शामिल हैं.
राजस्व विभाग से कहा गया है कि विकासखंड स्तर पर किसी भी अधिकारी को 4 साल की अवधि में तीन वर्ष एक स्थान पर पदस्थ नहीं होना चाहिए. यही नियम पंचायत सचिवों के लिए भी है. दरअसल, आयोग को यह शिकायत मिली थी कि पंचायत सचिव के लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ रहने से चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है. पुलिस मुख्यालय की ओर से अपने सभी एसपी से एएसपी, टीआई और उप पुलिस निरीक्षक के तीन साल से एक स्थान पर पदस्थ नहीं होने संबंधी प्रमाण पत्र की मांग भी की है.
आयोग के मुताबिक चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है. पंचायत क्षेत्रों में अब कोई भी नया कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता है, लेकिन जिन कार्यों को लेकर निर्णय हो चुका है, उन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसी तरह सरकार पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू करने संबंधी निर्णय को क्रियान्वित करती है, तो उस पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण 14 दिसंबर को
प्रदेश की 52 जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण 14 दिसंबर को होगा. इस संबंध में पंचायत राज संचालनालय ने कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं. इसमें कहा गया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सभी वर्गों में महिलाओं के लिए आरक्षण लॉटरी निकाल कर होगा. आरक्षण की संपूर्ण कार्यवाही जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) कलियासोत डैम के पास भोपाल में शुरू होगी. पंचायत विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि आरक्षण की कार्यवाही की सूचना जिला और पंचायत कार्यालयों में चस्पा करें.
ग्राम पंचायत में पदस्थ इन सचिवों को हटाने के आदेश
निर्वाचन आयोग ने प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिख कहा है कि वर्षों से पदस्थ ग्राम पंचायतों के अधिकारी और कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाए. प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन के लिए ग्राम पंचायत के सचिव को भी स्थानांतरण की परिधि में लाया जाएगा. बता दें कि ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने शासन से अपेक्षा की है कि ग्राम पंचायत के ऐसे सचिव जो ऐसी ग्राम पंचायत में पदस्थ है, जिसमें उनका गृह ग्राम सम्मिलित है. ऐसे ग्राम पंचायत सचिव, जो 3- 4 साल में एक ही ग्राम पंचायत में 3 साल से ज्यादा समय से पदस्थ हैं, उन्हें किसी अन्य जगह स्थानांतरित कर दिया जाए.
6 दिसंबर तक वोटर लिस्ट अपडेट करने के दिए थे निर्देश
आदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने परिसीमन के आदेश के बाद वोटर लिस्ट अपडेट करने का निर्देश जारी किया था. बता दें कि चुनाव को लेकर 2 साल पहले नए परिसीमन के आधार पर मतदाता सूची तैयर हो गई थी, लेकिन ये काम दोबारा किया गया. फाइनल वोटर लिस्ट 6 दिसंबर को प्रकाशित होगी.
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