पवैया ने सिंधिया समर्थकों को दी समझाइस, बोले- ये क्षत्रपों और वंशवाद की पार्टी नहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करें

पवैया ने सिंधिया समर्थकों को दी समझाइस, बोले- ये क्षत्रपों और वंशवाद की पार्टी नहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करें

प्रेषित समय :20:24:18 PM / Wed, Dec 8th, 2021

गुना. मध्य प्रदेश के गुना में पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया ने कांग्रेस से भाजपा में आए सिंधिया समर्थकों को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि नेता कितना भी करिश्माई हो, वह तब तक ही वंदनीय है, जब तक वह मंच पर है. उसके बाद वह सब कार्यकर्ताओं के बराबर ही हैं. नए मित्र जितना सम्मान अपने नेता का करते हैं, उतना ही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का भी करना होगा. भाजपा क्षत्रपों, नेताओं और वंशों पर आधारित पार्टी नहीं है.

पवैया मंगलवार से शुरू बीजेपी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने पहुंचे थे. शिविर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवैया ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता जो काम करता है, वह दल के लिए नहीं, राष्ट्र के लिए कार्य करता है. न जाने कितने जन्मों का पुण्य होगा, तब हमको भारत माता की सेवा करने का अवसर मिला है. हमको भाजपा के कार्यकर्ता होने का सौभाग्य मिला. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पं. दीनदयाल उपाध्याय के सपने एकात्म मानववाद को चरितार्थ आज हम पूरे होते देख रहे हैं. चाहे राम मंदिर, धारा 370, तीन तलाक, एक देश एक विधान सभी कार्य मोदी सरकार में पूरे हो रहे हैं.

नए मित्र बीजेपी की कार्यप्रणाली जल्दी सीख लें

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा क्षत्रपों, नेताओं और वंशों पर आधारित पार्टी नहीं है. यह काम दूसरे लोग कर रहे हैं देश में. यह कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. इसलिए जो हमारे नए मित्र, बड़े नेता आए हैं, वो यह सब सोच-समझकर आए हैं कि किस तरह के दल में जा रहे हैं. भाजपा की कार्य संस्कृति कैसी है. हम नेताओं पर आधारित पार्टी नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि हमारे यहां लोग नेता के पीछे नहीं भागते, यहां विचार के पीछे चलते हैं. नेता कितना ही करिश्माई हो, वह तब तक ही वंदनीय होता है जब तक वह पार्टी के मंच पर होता है. इसलिए जो आए हैं वह भी सम्मिलित हो जाएंगे. हमारे नए मित्र जो आए हैं, वह भी सैनिक की तरह यहां की बातें सीख जाएंगे. तेजी से उन्हें अपने मानस का परिवर्तन करना ही पड़ेगा. क्चछ्वक्क के जो वरिष्ठ नेता हैं, उनके प्रति उतना ही सम्मान उनको(सिंधिया समर्थकों) को रखना पड़ेगा, जितना वे अपने नेता का करते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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