सौभाग्य और सफलता के लिए बुधवार को करें विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा

सौभाग्य और सफलता के लिए बुधवार को करें विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा

प्रेषित समय :18:58:34 PM / Tue, Dec 14th, 2021

बुधवार का दिन गणपति का दिन कहा जाता है, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है.  बुधवार का व्रत या बुधवार व्रत कई लोगों द्वारा बुध के देवता, भगवान बुद्ध और भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है. लोग बुधवार का व्रत भगवान गणेश और उनकी कृपा और शुभता को प्रसन्न करने के लिए करते हैं. ज्योतिष  में बुध बुद्धि, मन, विचार प्रक्रिया, मानसिक विकास, धन, करियर वृद्धि, व्यवसाय वृद्धि आदि का प्रतीक है. बुधवार का दिन बुध ग्रह को समर्पित है, और बुध ग्रह भगवान गणेश के साथ जुड़ा हुआ है.

साथ ही शास्त्रों के अनुसार बुध को सफलता का कारक ग्रह माना गया है.  कुंडली में कमजोर बुध को ठीक करने के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए.  इससे जीवन में सौभाग्य और सफलता की प्राप्ति होती है.

किसी भी चंद्र मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाला पहला बुधवार, बुधवार का व्रत शुरू करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.  व्रत को कम से कम 5 महीने के बुधवार या 21 बुधवार की अवधि के लिए रखा जाना चाहिए.आइए जानते हैं 

 गणेश पूजा के लाभ:

 भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
 गणेश पूजा से उपासक की बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है.
 भगवान गणेश के दिव्य आशीर्वाद से भक्तों की आत्माएं शुद्ध होती हैं.
 गणेश पूजा करने से आर्थिक परेशानी आसानी से दूर हो जाती है और बड़ी सफलता भी प्राप्त हो सकती है.
 गणेश पूजा भक्त के अदन चक्र को सक्रिय करती है.
 किसी भी प्रकार के कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करने से सफलता और समृद्धि मिलती है.

श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है. विघ्नहर्ता यानी वह जो सभी दुखों और कठिनाइयों को हरा देता है या हर लेता है. इसलिए हम किसी भी पूजा में सब से पहले श्री गणेश की पूजा करते हैं.  वह भक्तों के सभी बाधाओं, रोगों, शत्रुओं और दरिद्रता को दूर करते हैं.  बुधवार के दिन गणपति की पूजा और पूजा करने से समृद्धि बढ़ती है और बुद्ध के दोष भी दूर होते हैं.
कहा जाता है कि यदि बुध ग्रह अशुभ अवस्था में हो तो बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करने से लाभ होता है.सनातन धरम की मान्यता के अनुसार यदि घर में धन नहीं रुकता है, अनावश्यक धन का अपव्यय होता है, घर में क्लेश है तो बुधवार के दिन व्रत और पूजा से यह सब दूर किया जा सकता है.  मान्यता है कि यह व्रत बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों को दूर करता है
मान्यता है कि बुधवार के व्रत की शुरुआत अंधेर यानी कृष्ण पक्ष की जगह चंदन यानी शुक्ल पक्ष में करनी चाहिए. यह व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से करना शुभ माना जाता है. इस व्रत को कम से कम 21 बुधवार और अधिकतम 41 बुधवार तक करने से शुभ फल मिलते हैं.  अन्य व्रतों की तरह इस व्रत में भी नमक का पूर्ण रूप से प्रयोग वर्जित होता है.  इस व्रत में दान को विशेष महत्व दिया जाता है. मान्यता है कि बुधवार के व्रत में दान के बाद ही भोजन करना चाहिए.

अन्य पूजा व व्रत की तरह ही इस व्रत में भी सुबह उठ के नित्य कर्मो से निर्वित हो कर स्नान कर के आगे की विधि आरम्भ करें.
इस दिन यदि आप घर में श्री गणेश की मूर्ति या फोटो स्थापित करते हैं, तो यह बहुत शुभ माना जाता है.
श्री गणेश की फ़ोटो या मूर्ति को स्थापित करने के बाद सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा, लड्डू या गुड़, मिठाई अर्पित करें.
 गणेश जी के पूजा स्थल पर धूप, फूल, दीपक, कपूर आदि रखें और पूजा के अंत में गणेश मोदक को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं.
धूप-दीप जलाकर आरती करें.
पूजा के अंत में बप्पा का ध्यान करते हुए ॐ गण गणपतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करते रहें.  
बुधवार की पूजा में हरे रंग का बहुत महत्व होता है. इस दिन एक ही रंग के फल, फूल और वस्त्र का दान करें. साथ ही साथ दही, मूंग दाल का हलवा या हरी चीजों से बनी कोई भी चीज खाएं. बुधवार के दिन श्री गणेश की विधिवत पूजा करने के बाद गुड़ और घी का भोग लगाएं.
Acharya M.K.Mishra 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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