नई दिल्ली. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए पीएलआई योजना की मंजूरी दी. इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग आने वाले समय में 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचेगी. उनके मुताबिक सेमीकंडक्टर ग्रोथ के लिये अहम है जो देश इसके निर्माण में पीछे रहेगा वो ग्रोथ में भी पिछड़ेगा.
उन्होने कहा कि यह चिप लगभग हर उपकरण में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके निर्माण में कई चरण होते हैं सरकार ने आज की बैठक में इन सभी चरणों की वैल्यू चेन को विकसित करने का फैसला लिया गया है. 85000 कुशल इंजीनियर को इस उद्देश्य के लिये तैयार करने के लिए चिप्स टू स्टार्टअप की योजना को अनुमति दी गयी है. अगले 2 साल में सरकार की 20 यूनिट लगाने की योजना है. चिप्स डिजायनर को मौका देने के लिये एक नयी स्कीम डिजाइन लिंक्ड इन्सेटिव को मंजूरी दी गयी है. योजना में कुल खर्च का 50 प्रतिशत सरकार वहन करेगी.
वहीं किसी कंपनी के साथ इस डिजाइन को साझा करने पर इससे होने वाली बिक्री पर भी इन्सेंटिव मिलेगा. योजना में छोटी कंपनियों पर विशेष जोर दिया गया है. योजना की मदद से 15-20 एमएसएमई खड़े किये जायेंगे. इससे 1 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. इससे 1.66 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है. वहीं कुल निर्माण 9.5 लाख करोड़ होने का अनुमान है वहीं इसमें 5.17 लाख करोड़ रुपये का निर्यात होने का अनुमान है.वहीं कैबिनेट की बैठक में रुपे को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने 1300 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन को मंजूरी दी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश: फूड बिजनेस ऑपरेटर खाने-पीने की चीजों में वेज- नॉनवेज का करें पूरा खुलासा
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