नई दिल्ली. संसद के इस मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल आने की संभावना नहीं है. इस मुद्दे पर अभी बहुत सारी व्यापक चर्चा होना बाकी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जब तक इसपर समग्रता में चर्चा और विचार नहीं हो जाता तब तक क्रिप्टो बिल नहीं आएगा. सूत्रों का कहना है सरकार क्रिप्टो को लेकर कोई वो किसी हड़बड़ी में नहीं है. आपको बता दें कि इससे पहले सत्र यानी मॉनसून सेशन में इस बिल को शामिल किया गया था.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कई बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की थी और जल्द इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था. इसके अलावा आरबीआई भी इसे लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने तो इसे बड़ा खतरा बताया है. इसकी शुरुआत साल 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस से होती है. जब लोगों का बैंकिंग सिस्टम से भरोसा उठ गया था. साल 2009 में एक जापानी वैज्ञानिक सतोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन का आविष्कार किया.
तब किसी को कुछ पता नहीं था कि आखिर ये क्या बला है. तब इसे क्रिप्टो करेंसी कहा गया. क्रिप्टो यानी ग्रीक भाषा में सीक्रेट यानी गुप्त मुद्रा. आज दुनिया में क़रीब 8 हज़ार से ज़्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं. हालाँकि मशहूर बिटकॉइन ही है. अब आपके मन में बिटकॉइन को लेकर सवाल उठ रहे होंगे? आइए पहले इसे ही जान लेते है.
सूत्रों की मानें तो 23 दिसंबर को समाप्त होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में क्रिप्टोकरेंसी कानून पेश नहीं किया जाएगा. बिल का संसद के दोनों सदनों के एजेंडे में भी कोई भी जिक्र नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी बिल पर अभी भी काम चल रहा है और सरकार अभी भी नियामक प्रावधानों को अंतिम रूप दे रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश: फूड बिजनेस ऑपरेटर खाने-पीने की चीजों में वेज- नॉनवेज का करें पूरा खुलासा
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