नजरिया. किसान आंदोलन को लेकर जैसे तेवर मोदी सरकार ने 2021 की शुरूआत में दिखाए थे, उससे एकदम उलट 2021 जाते-जाते सियासी समर्पण कर दिया, क्यों?
दरअसल, कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार संदेह और सवालों के घेरे में आ गई थी, जिसके नतीजे में बीजेपी नेताओं को पंजाब जैसे राज्य में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था, इतना ही नहीं, पंजाब में कोई राजनीतिक दल बीजपी के साथ आना नहीं चाह रहा था, मोदी सरकार को समझ में आ गया था कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो पंजाब से बीजेपी की पूरी तरह से सियासी विदाई हो जाएगी, इसीलिए मोदी सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए!
याद रहे, कृषि कानून के मुद्दे पर बीजेपी और अकाली दल अलग हो गए थे, लेकिन ताजा सियासी हालात में वे फिर से साथ आ सकते हैं, इसी पर एबीपी न्यूज सी-वोटर ने अपने सर्वे में पंजाब के लोगों से एक सवाल यह भी पूछा कि- क्या चुनाव बाद बीजेपी और अकाली दल मिलकर गठबंधन कर सकते हैं?
इस सवाल के जवाब में 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हां, चुनाव बाद दोनों का गठबंधन हो सकता है, जबकि 49 प्रतिशत लोगों ने माना कि चुनाव के बाद भी दोनों के बीच कोई भी गठबंधन नहीं होगा.
देखना दिलचस्प होगा कि पंजाब में चुनाव के दौरान कोई नया सियासी समीकरण बनता है या नहीं!
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1474044634045112320
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