इंदौर. इंदौर में पिछले दिनों विदेश से लौटे जिन आठ संदिग्ध मरीजों के सैम्पलों की निजी मेडिकल कालेज में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच हुई थी. उनमें ओमिक्रान वैरिएंट की पुष्टि हो गई है. इसके बाद इन मरीजों के सैम्पल आइएलबीएस दिल्ली भेजे गए थे, जहां ओमिक्रान की पुष्टि हो गई है. विगत दिनों एमजीएम मेडिकल कालेज से भेजे गए आठ सैम्पलों जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की गई थी. जांच में कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रान की संभावना पूर्व में ही जताई जा गई थी.
मेडिकल कालेज ने दिल्ली की आइएलबीएस लैब को इसकी रिपोर्ट फाइल 24 दिसंबर को भेजी थी. वहां के माइक्रोबायलाजिस्ट डा. राजेश पांडे को भी यह रिपोर्ट भेजी गई. थी डा. पांडे ने इस रिपोर्ट का अध्ययन कर इंदौर के संदिग्ध मरीजों में ओमिक्रान के बी.1.1.529(बीए.1) की पुष्टि की है. दिल्ली एनसीडीसी विभाग अधिकृत रुप से इसकी रिपोर्ट जारी करेगा.
विदेश से लौटे जिन आठ संदिग्ध मरीजों में ओमिक्रान वेरिएंट की पुष्टि हुई उनमें से दो लोग न्यूयार्क व लंदन से लौटे थे. इसके अलावा एक व्यक्ति को दुबई से लौटा था. इसके अलावा अफ्रीका के तंजानिया से लौटे दो मरीजों में ओमिक्रान वैरिएंट की पुष्टि हुई है. चिकित्सकों के मुताबिक जिन मरीजों में ओमिक्रान की पुष्टि हुई. उन्हें हल्का बुखार, खांसी व सर्दी लक्षण थे. एमआरटीबी से अब तक स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं.
मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इंदौर के मरीजों में ओमिक्रान वैरिएंट की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में इंदौर में करीब तीन हजार के करीब यात्री विदेशों से आए थे. इनकी जांच में 26 लोग पाजिटिव पाए गए थे, इनमें से आठ ओमिक्रान वैरिएंट के मरीज निकले हैं. हालांकि आठ में से छह मरीज स्वस्थ हो कर घरों को लौट चुके है जबकि दो मरीज एमआरटीबी में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और उनमें कोरोना के कोई गंभीर मरीज नहीं है. उम्मीद है कि ये भी जल्द स्वस्थ हो जाएंगे. इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इन 26 लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग की जा चुकी है और उनमें कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं तथा सभी ठीक है.
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