नई दिल्ली. साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर 2021 शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 46वीं बैठक होने जा रही है. इस बैठक में जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने को लेकर चर्चा हो सकती है. ये बैठक वर्चुअल नहीं बल्कि सुबह 11 बजे से दिल्ली में विज्ञान भवन में आमने सामने होगी. बैठक में वित्त मंत्रियों के पैनल के जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने के रिपोर्ट पर चर्चा की जा सकती है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में टेक्सटाइल पर जीएसटी रेट बढ़ाये जाने का मुद्दा छाया रह सकता है. दरअसल एक जनवरी 2022 से टेक्सटाइल पर 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी लगने जा रहा है. माना जा रहा है कि इस बैठक में जीएसटी काउंसिल की बैठक में टेक्सटाईल और फुटवियर यानि जूतों पर जीएसटी को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले को टालने पर चर्चा की जा सकती है. राज्य सरकारों से लेकर टेक्सटाइल और फुटवियर इंडस्ट्री जीएसटी रेट बढ़ाने का विरोध कर रही है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि वे शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में ये मुद्दा उठाने जा रहे हैं. क्योंकि इससे पूरे टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भारी नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि टेक्सटाईल पर 5 फीसदी ही जीएसटी लगना चाहिए.
जून 2022 में जीएसटी मुआवजा देने की मियाद खत्म हो रही है. 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने पर राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई पांच सालों तक करने की बात कही गई थी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उत्पादक राज्यों को जीएसटी से नुकसान हो रहा है. इसलिए वे वित्त मंत्री से जीएसटी से होने वाले नुकसान की भरपाई करने की मियाद को बढ़ाने की मांग करेंगे.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों का पैनल रेट्स को तर्कसंगत बनाने को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, पैनल ने उन इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के तहत आइटम्स की भी समीक्षा की है जिससे रिफंड को कम किया जा सके. वहीं केंद्र और राज्यों के टैक्स अधिकारियों की फिटमेंट कमेटी ने मंत्रियों के समूह को जीएसटी रेट्स में बदलाव करने और स्लैब में बदलाव को लेकर कई सिफारिशें की है.
फिलहाल जीएसटी दरों का चार स्लैब है, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी. जरूरी आइटम्स या तो सबसे कम स्लैब में है या उन पर कोई टैक्स नहीं है. लग्जरी और डिमेरिट आइटम्स सबसे ऊंचे स्लैब में है, इनपर सेस भी लगता है. जीएसटी के 12 फीसदी और 18 फीसदी स्लैब को मिलाकर एक स्लैब बनाने की मांग हो रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-1 जनवरी से बदल रहे जीएसटी के नियम, अब ऑनलाइन खाना मंगाना और कपड़े खरीदना पड़ेगा महंगा
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