दुनिया का कौन सा देश कब नया साल मनाता है !

दुनिया का कौन सा देश कब नया साल मनाता है !

प्रेषित समय :09:33:43 AM / Mon, Jan 3rd, 2022

नई दिल्ली.  31 दिसंबर की मध्यरात्रि को दुनियाभर में अलग-अलग जगह से नए साल के जश्न की तस्वीरें सामने आईं लेकिन पूरी दुनिया ने उसी दिन नया वर्ष मनाया ऐसा नहीं है. अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि वो कौन से देश हैं जहां एक जनवरी से नए साल की शुरुआत नहीं होती?

उन देशों में नया साल कब मनाया जाता है, किसी और दिन नया साल मनाने के क्या कारण हैं

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस हिसाब से साल भर में करीब 58 दिन दुनिया के किसी न किसी देश में नया साल मन रहा होता है. तो आइए जानते हैं कि दुनिया का कौन सा देश कब नया साल मनाता है.

दुनियाभर में अलग-अलग सभ्यताएं हैं, इस हिसाब से साल के 365 दिनों में 80 नववर्ष आते हैं लेकिन इनमें से कई तारीखें एक ही दिन पड़ती है, इस कारण से साल के 12 महीनों में से 58 दिन नया साल मनाया जाता है. इसमें एक चौंकाने वाली बात यह भी है कि हर महीने ऐसा कोई न कोई दिन जरूर होता है, जब कहीं ना कहीं नया साल मनाया जाता है.

आज जो कैलेंडर दुनियाभर में प्रचलित है, उसे ईसाई धर्मगुरु पोप ग्रेगोरी अष्टम ने साल 1582 में तैयार किया था. इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर नाम दिया गया. एक जनवरी को नया साल इसी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है.

बता दें कि ईसाइयों का एक अन्य पंथ ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स चर्च इस कैलेंडर को नहीं मानते. वे रोमन कैलेंडर का अनुसरण करते हैं. रोमन कैलेंडर के अनुसार नया साल 14 जनवरी को मनाया जाता है.

चीन: चीन में लूनर कैलेंडर (चंद्रमा आधारित कैलेंडर) को माना जाता है. हर तीन साल में सूर्य आधारित कैलेंडर से इसका मिलान किया जाता है. इसके हिसाब से चीन का नया साल 20 जनवरी से 20 फरवरी के बीच पड़ता है. चीनी वर्ष और राशियों के नाम अलग-अलग जानवरों के नाम पर रखे गए हैं.

जापान: जापान में भी लूनर कैलेंडर के हिसाब से नववर्ष मनाया जाता है. यहां के लोग नए साल का पहला दिन चाइनीज लूनर कैलेंडर के हिसाब से तय करते थे. हालांकि साल 1873 से यहां के लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार ही नया वर्ष मनाते आ रहे हैं. इस खास दिन जापान के लोग मंदिर जाते हैं. खुद को और परिवार को परेशानी से बचने के लिए 108 बार घंटी बजाते हैं.

कम्बोडिया: यहां नए साल की शुरुआत पारंपरिक खेल और रस्मों के साथ की जाती है. यहां नया साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिन कम्बोडिया के लोग विभिन्न धार्मिक स्थलों पर भी जाते हैं.

कोरिया: यहां भी नया साल लूनर कैलेंडर की हिसाब से ही मनाया जाता है. यहां इसे ‘सिओलल’ कहा जाता है. हालांकि काफी समय से यहां के लोग 1 जनवरी को भी नया साल मनाते हैं.

थाईलैंड: यहां लोग एक-दूसरे को ठंडे पानी से भिगोकर नए साल की शुभकामनाएं देते हैं. यहां 13 या 14 अप्रैल को नया साल मनाया जाता है. स्थानीय भाषा में इस दिन को ‘सोंगक्रण’ कहा जाता है.

वियतनाम: चीनी कैलेंडर यानी लूनर कलैंडर के अनुसार ही नया साल मनाया जाता है. यहां नया साल 20 जनवरी से 20 फरवरी के बीच पड़ता है. यहां इसे महत्वपूर्ण त्योहार इसलिए माना जाता है क्योंकि यह स्थानीय लोगों की सबसे पसंदीदा छुटि्टयों का मौका होता है.

लंका: लंका में नए साल के पहले दिन को अलुथ अवरुद्दा कहते है. यह दिन अप्रैल के बीच में आता है. नए साल के मौके पर श्रीलंकाई प्राकृतिक चीजों से स्नान करते हैं. ऐसा बुराइयों से बचने और गलतियों के प्रायश्चित के लिए किया जाता है.

ब्रिटेन में भी ग्रेगोरियन कैलेंडर प्रचलित है लेकिन पारंपरिक तौर पर यहां की पेमब्रोकशायर काउंटी स्थित ग्वाउन वैली के लोग 13 जनवरी को नया साल मनाते हैं. यह जूलियन कैलेंडर का पहला दिन है.

यूरेशिया: रूस और जॉर्जिया (जो यूरोप और एशिया दोनों में आते हैं) के लाखों लोग जूलियन कैलेंडर के हिसाब से नया साल मनाते हैं. यहां के लोग 13 जनवरी को नया साल मनाते हैं.

इथोपिया: इथोपिया में नए साल को ‘एनकुतातश’ कहा जाता है. यहां के लोग सितंबर महीने की 11 तारीख को नववर्ष मनाते है. लीप ईयर (29 फरवरी वाले साल में) में इथोपिया 12 सितंबर को नया साल मनाता है.

पेनसिल्वेनिया: अमेरिका के पेनसिल्वेनिया में ‘ओडुंडे’ नामक एक उत्सव मनाया जाता है, जिसे अफ्रीकन नववर्ष भी कहा जाता हैं. यह जून के दूसरे सप्ताह में पड़ता है. अमेरिका में अफ्रीकी समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहार में से एक है.

नेपाल: नेपाली परंपरा के अनुसार यहां नववर्ष हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिन नेपाल में अवकाश रहता है. यहां के लोग इस दिन पारंपरिक परिधान पहनते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

महिला एंकर ने दुनियाभर के लोगों को चौंकाया, किया होश उड़ाने वाला काम

Reliance का ग्रीन एनर्जी की दुनिया में बड़ा कदम, फैराडियन लिमिटेड का अधिग्रहण करेगी

भारत समेत दुनियाभर के देशों में ओमिक्रॉन का दिखने लगा असर, 11500 फ्लाइट हुईं कैंसिल

जलवायु परिवर्तन से पनपी घटनाओं में 2021 में दुनिया को हुआ $ 1.5 बिलियन का नुकसान

भारत में डोपिंग के मामले बढ़े, दुनिया के टॉप-3 देशों में शामिल हुआ

Leave a Reply