नई दिल्ली. इजराइली स्पाइवेयर पेगासस को लेकर एक बार फिर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने पेगासस जासूसी सॉप्टवेयर को लेकर इजरायल से डील की थी. कांग्रेस ने पेगासस स्पाईवेयर से संबंधित न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर देशद्रोह करने और संसद एवं उच्चतम न्यायालय के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि वह आगामी बजट सत्र के दौरान संसद के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबदेही तय करने की मांग करेगी क्योंकि वह खुद इस स्पाईवेयर की खरीद के एवं इसके गैरकानूनी उपयोग के लिए जिम्मेदार हैं.
मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि वह इस मामले पर जल्द ही विभिन्न विपक्षी दलों के साथ बातचीत करके संसद सत्र के समय की रणनीति तय करेगी. कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने पेगासस के मुद्दे पर संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट हर जगह झूठ बोला. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अब ये मुद्दा संसद में उठाएगी. उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने संसद से झूठ बोला. उनके सांसदों ने भी झूठ बोला. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में झूठा शपथ पत्र दिया गया. हमलोग इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और फिर आपको बताएंगे कि हमारा अगला कदम क्या होगा.
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा, मोदी सरकार ने भारत के शत्रु की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ ही युद्ध के हथियारों का उपयोग क्यों किया? पेगासस का उपयोग गैरकानूनी जासूसी के लिए करना राष्ट्रद्रोह है. कानून से बढ़कर कोई नहीं है. हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय हो.
न्यूयॉर्क टाइम्स का यह है दावा
बता दें कि द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक खबर में ये दावा किया है कि भारत-इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे में स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली केंद्रबिंदु थे. खबर में जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा का भी उल्लेख किया गया. ये किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजराइल यात्रा थी.
सरकार पर लगे थे आरोप
पिछले साल उस समय ये विवाद खड़ा हो गया था, जब भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए कुछ सरकारों द्वारा कथित तौर पर एनएसओ समूह के पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग की बात सामने आई थी.
क्या पेगासस?
पेगासस को एक इजरायली कंपनी एनएसओ ने इसे विकसित किया है, और पेगासस स्पाईवेयर के बारे में पहली जानकारी 2016 में मिली थी. स्पाईवेयर अपने नाम की मुताबिक लोगों की उनकी फोन के जरिए जासूसी करता है. पेगासस स्पाईवेयर जासूसी करने के लिए अपने टारगेट के फोन पर एक एक्सप्लॉयट लिंक भेजता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पेगासस जासूसी मामले पर ममता बनर्जी को SC से लगा झटका, पश्चिम बंगाल आयोग पर लगी रोक
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