मुंबई. कोरोना टेस्ट के बहाने एक महिला के प्राइवेट पार्ट से स्वैब लेने वाले लैब टेक्नीशियन को अमरावती की सत्र अदालत ने 10 साल की कैद और 10,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमरावती की ट्रॉमा केयर यूनिट में यह घटना 20 जुलाई 2020 में हुई थी. इस संबंध में पीडि़त महिला ने पुलिस में शिकायत की थी और उसके बाद मामला कोर्ट में चला, जहां यह फैसला सुनाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना की जानकारी सामने आते ही राजनीतिक पार्टियां और समाजसेवा से जुड़े संगठनों ने आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की थी. दरअसल यह घटना, कोरोना लहर के दौरान उस समय की है जब टेस्ट को बड़े पैमाने पर किया जा रहा था. स्थानीय मॉल में भी टेस्ट कराया गया था, जहां लैब टेक्नीशियन आरोपी अल्केश देशमुख ने पीडि़त महिला को गुमराह करते हुए उसे बताया था कि महिला कोरोना पॉजिटिव है और उसकी अगली जांच लैब में होगी. आरोपी ने उसे लैब में आने को कहा था. जब महिला लैब पहुंची तो इसी टेक्नीशियन ने उससे कहा कि इसके लिए प्राइवेट पार्ट से स्वैब लेना पड़ेगा, और उसके बाद आरोपी ने स्वैब लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र के अमरावती में बीजेपी के बंद के दौरान हिंसा, नवाब मलिक बोले- दोषियों पर करेंगे कार्रवाई
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