भोपाल. राष्ट्रीय हरित अधिकरण की भोपाल पीठ ने मध्य प्रदेश के चार प्रमुख जिलों- भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के जिलाधिकारियों को नोटिस जारी कर अवमानना याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका में आरोप है कि NGT ने पिछले साल दिवाली पर कुछ जगहों में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाए जाने के आदेश दिए थे, जिसे लागू करने में इन चार महानगरों के अधिकारी विफल रहे. याचिका के मुताबिक राज्य के इन चार महानगरों में लोगों ने पिछले साल दिवाली के दौरान पटाखे फोड़े, जिससे वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई थी. अब जिलाधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर नोटिस पर जवाब देना है.
याचिकाकर्ता के वकील प्रभात यादव ने शनिवार को बताया था कि आदेश में NGT के न्यायिक सदस्य शिवकुमार सिंह और सदस्य विशेषज्ञ अरुण कुमार वर्मा ने शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के जिलाधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है.
याचिका में कहा गया है कि NGT ने पिछले साल 27 अक्टूबर को पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था और दिवाली (4 नवंबर) को सीमित समय के लिए उन जगहों पर केवल हरित पटाखे या इको फ्रैंडली पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत दी थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 200 से नीचे था. यादव ने कहा कि याचिका के मुताबिक प्रतिबंधित पटाखे फोड़ने से दिवाली के अगले दिन राज्य के इन चार जिलों में AQI बढ़ गया और लोगों को कोविड-19 महामारी के बीच सांस की बीमारी और सांस संबंधी समस्याएं हो गईं.
याचिका में कहा गया है कि इन चार जिलों के जिलाधिकारियों ने अक्टूबर में जारी NGT के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया और यहां तक कि AQI खराब होने पर भी इन जिलों में पटाखे फोड़े गए जो देर रात तक जारी रहा. याचिका में अनुरोध किया गया है कि अधिकारियों को प्रदूषण फैलने से रोकने में विफल रहने के लिए मुआवजा भरना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भोपाल में बीजेपी नेता की गौशाला के कुएं में मिलीं 20 गायों की लाशें, मैदान में बिखरे 80 शव और कंकाल
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