कोलकाता. पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी पर बंगाल सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कांथी पुलिस ने अदालत के आदेश के बाद कांथी पीके कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के पूर्व अध्यक्ष, शुभेंदु अधिकारी के भाई और बीजेपी नेता सौमेंदु अधिकारी के खिलाफ एएफआई दर्ज की है. गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान सौमेंदु अधिकारी ने पीके कॉलेज के कई भवनों का निर्माण करवाया था. आरोप है कि बिना किसी विशिष्ट योजना के, घटिया निर्माण सामग्री के साथ, पसंदीदा ठेकेदार द्वारा उचित निविदा प्रक्रिया के बिना निर्माण कार्य किया गया था. पश्चिम बंगाल राज्य तृणमूल अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव वकील अबू सोहेल ने कांथी अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया था कि पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई नहीं की है. कांथी अनुमंडल न्यायालय की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रतिमा शुक्ला ने गुरुवार को कांथी थाने के आईसी को इस संबंध में सौमेंदु अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.
न्यायाधीश ने कांथी के आईसी को 18 अप्रैल को अदालत में एक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है. कांथी थाने के आईसी अमलेंदु विश्वास ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद सौमेंदु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है. शिकायतकर्ता अबू सोहेल ने कहा, मैंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी, क्योंकि कांथी पुलिस स्टेशन ने कॉलेज के अवैध निर्माण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी. उन्होंने कहा, पुलिस के असहयोग से हैरान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अनुमंडल न्यायालय के मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था. मैंने अवैध निर्माण से जुड़े तमाम दस्तावेजों और तस्वीरों के साथ कोर्ट में अपील की थी. जज ने अर्जी मंजूर करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है.
बीजेपी नेता सौमेंदु अधिकारी ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “उन्होंने (टीएमसी ने) भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. पहले भ्रष्टाचार साबित करे. एफआईआर होने दें और जांच होने दें. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. सच सभी के सामने आ जाएगा.” बता दें कि शुभेंदु अधिकारी और सौमेंदु अधिकारी विधानसभा चुनाव के पहले टीएमसी में थे. शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के मंत्री थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले वे बीजेपी में शामिल हो गये थे और नंदीग्राम विधानसभा चुनाव में सीएम ममता बनर्जी को पराजित किया था. उसके बाद से शुभेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी के बीच तकरार मची हुई है.
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