कराची. पाकिस्तान में मछुआरों के विरोध-प्रदर्शन के चलते कराची बंदरगाह पर आयात-निर्यात गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं. समुद्री मामलों के मंत्रालय और मछुआरे समुदाय के बीच बातचीत की कोशिशें विफल रही हैं. मछुआरा समुदाय मंगलवार को बैठक छोड़कर बाहर चला गया, क्योंकि बातचीत से कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा था.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों वाले जहाजों को विरोध के कारण खुले समुद्र में खड़ा किया गया है, जबकि गेहूं के शिपमेंट में भी देरी हो रही है. बुधवार को बंदरगाह पर कम से कम सात जहाजों के आगमन को स्थगित कर दिया गया और तीन जहाज बंदरगाह से बाहर नहीं जा सके. एक और जहाज नाकाबंदी के कारण दूसरे स्थान पर खड़ा नहीं हो सका.
विरोध के चलते सीमेंट निर्यात भी प्रभावित
करीब नौ जहाजों के बंदरगाह छोड़ने की उम्मीद है, लेकिन विरोध के कारण बंदरगाह से बाहर नहीं निकल पर रहे हैं. इसके अलावा, विरोध के चलते सीमेंट निर्यात भी प्रभावित हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक जहाजों के शेड्यूल में बदलाव के कारण अतिरिक्त शुल्क भी बढ़ता जा रहा है.
मछुआरे समुदाय के प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक में पीएम के सहयोगी महमूद मोलवी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि विरोध के कारण चैनल बंद होने से अब तक आठ जहाजों की आवाजाही बाधित हुई है. समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, मोलवी ने कहा कि मछुआरा समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत आज फिर से शुरू होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान: इमरान ने बनाया काला कानून, सेना और ISI की आलोचना पर होगी जेल
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